
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में अधिकारों को लेकर लकीर खींचने के बाद भी विवाद खत्म नहीं हो रहा है. दिल्ली सरकार में सर्वश्रेष्ठ विभाग पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली की चुनी हुई सरकार के बीच ताजा बखेड़ा है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिले.
इस बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उपराज्यपाल दिल्ली सरकार द्वारा फाइलों को ना भेजे जाने पर सहमत दिखाई पड़े. लेकिन सर्विसेज विभाग का नियंत्रण उपराज्यपाल से हटाकर मुख्यमंत्री को दिए जाने को लेकर वह तैयार नहीं हुए. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को केंद्रीय गृह मंत्रालय के 21 मई 2015 के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस पर फैसला नहीं आ जाता या यह आदेश खारिज नहीं हो जाता तब तक सर्विसेस विभाग केंद्र सरकार के आदेशानुसार उपराज्यपाल के पास ही रहेगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर उपराज्यपाल पर दबाव डालकर सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करवाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के दरवाजे पर इंसाफ मांगने की तैयारी कर रहे हैं. केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह इस मसले पर राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के लिए समय मांग रहे हैं. उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि जिस तरीके से केंद्र सरकार न्यायालय के आदेशों की अवमानना कर रही है, इससे अराजकता को बढ़ावा मिलेगा.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सर्विसेज विभाग अधीन ना होने के चलते हैं शिक्षा विभाग नई नियुक्तियां नहीं कर पा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र में बैठी बीजेपी की सरकार दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को बदनाम करने के लिए सर्व्हिसेस विभाग अपने अधीन रख के अधिकारियों को काम नहीं करने देगी. इन आरोपों के बीच अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा है. अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि फिलहाल दिल्ली सरकार के सभी अधिकारी आदेशों पर काम कर रहे हैं.