
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल और अन्य के खिलाफ साल 2015 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता के घर में जबरन घुसने और मारपीट के मामले में कोर्ट ने फैसले की तारीख टाल दी है. इस मामले में अब फैसला 10 अक्टूबर को आएगा. दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला तैयार न हो पाने के कारण तारीख को आगे के लिए टाल दिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान रामनिवास गोयल की तरफ से पेश सीनियर वकील बीएस जून ने कोर्ट को बताया कि अब तक जितने भी गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं उससे साफ होता है कि किसी ने भी जबरन ना तो घर में घुसने की कोशिश की ना ही किसी तरीके की धक्का-मुक्की करने की कोशिश की गई.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि घर में विश्वास नगर और शाहदरा के पुलिस अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में प्रवेश किया गया था. इस मामले का राजनीतिकरण किया गया है.
क्या है पूरा मामला
ये मामला 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले 6 फरवरी का है. आरोप है कि रामनिवास गोयल अपने बेटे और समर्थकों के साथ विवेक विहार इलाके में एक बीजेपी नेता मनीष घई के घर में ये कहते हुए घुस गए कि चुनाव में बांटने के लिए शराब रखी गई है.
रामनिवास गोयल पर आरोप है कि वो घर के अंदर जबरन दरवाजा तोड़कर घुसे. रामनिवास गोयल और उनके समर्थकों ने घई के ड्राइवर से मारपीट की थी. उस समय पुलिस ने घर का सामान जब्त कर रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी थी. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक घर में शराब नहीं थी. पुलिस ने इस केस में धारा 147, 149, 457 और 323 के तहत मामला दर्ज किया था.