
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग को अपनी प्राथमिकता और सफलता दोनों मानने वाली अरविंद केजरीवाल की सरकार खुद करप्शन के केस में फंस गई है. दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) के चीफ मुकेश कुमार मीणा ने सरकार के खिलाफ शिक्षा विभाग की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. राज्य में शिक्षा विभाग डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के अधीन आता है.
दिलचस्प यह भी है कि एसीबी चीफ ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब हाल ही उनका तबादला अंडमान निकोबार किया गया है. बहरहाल, शिक्षा विभाग पर आरोप है कि उसने नियुक्तियों में अनियमितता बरती है. क्योंकि कई चयनित उम्मीदवार जहां रिश्ते में भाई-बहन बताए जा रहे हैं, वहीं कई एक ही गांव के निवासी हैं.
इतना ही नहीं अंतिम परिणाम को लेकर भी कई तरह की शिकायतें हैं. यह नियुक्ति DSSSB के द्वारा की गई, जो शिक्षा विभाग के अधीन है.
पहले भी आमने-सामने रहे हैं मीणा-केजरीवाल
गौरतलब है कि एसीबी चीफ मुकेश कुमार मीणा के साथ केजरीवाल सरकार की 'यारी' बहुत पुरानी है. दिल्ली सरकार ने मुकेश कुमार मीणा की एसीबी चीफ के पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया था. मीणा को उपराज्यपाल नजीब जंग ने एसीबी के चीफ के पद पर नियुक्त किया था, जबकि एसीबी के पहले चीफ एसएस यादव की नियुक्ति दिल्ली सरकार ने की थी. नियुक्ति के बाद दिल्ली सरकार ने मीणा को चार्ज लेने से मना कर दिया था और उन्हें गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा था. इसके बावजूद मीणा एसीबी में काम कर रहे हैं.
यादव और मीणा के बीच हुआ था टकराव
दिल्ली पुलिस में ज्वॉइंट कमिश्नर मुकेश कुमार मीणा को एसीबी चीफ बनाए जाने के बाद दिल्ली सरकार और एसीबी के दूसरे प्रमुख एसएस यादव के साथ टकराव कई मौकों पर सामने आ चुके हैं. जून 2015 में दोनों के बीच एफआईआर रजिस्टर को लेकर विवाद हो गया था. इस पर मीणा ने उन्हें नोटिस जारी किया था, वहीं इस पूरे विवाद में यादव के खुदकुशी करने की धमकी देने की बात भी सामने आई थी. हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार कर दिया था.