
राजधानी दिल्ली अब तक के सबसे खतरनाक वायु प्रदूषण से जूझ रही है. ऐसे में हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश करने के विकल्प की मांग तेज हो गयी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस विकल्प का समर्थन किया है. रक्षा जानकार मानते हैं कि दिल्ली में धूल और धुएं की चादर से निपटने के लिए हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है. अमेरिका समेत कई देशों में कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल होता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में इसके लिए एमआई 8 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल होता है जो एक बार में 570 यूएस गैलन पानी का छिड़काव कर सकता है. इसके अलावा एटी 1002 हवाई जहाज का भी इस्तेमाल होता है जो एक बार में 1000 यूएस गैलन पानी का छिड़काव कर सकता है. इसके साथ ही इस काम में एस 2 ट्रैकर और डीजी 6 हवाई जहाज का भी इस्तेमाल होता है.
रक्षा जानकार पूर्व विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी के मुताबिक अगर दिल्ली में हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की मदद से पानी छिड़काव करना हो तो इसके लिए यमुना नदी और आसपास की झीलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. हेलीकॉप्टर और जहाज आसपास की झीलों और यमुना नदी से पानी भरकर दिल्ली के ऊपर पानी का छिड़काव कर सकते हैं.
कृत्रिम बारिश कराने के लिए कई जगह हेलिकॉप्टर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि रॉकेट के मुकाबले यह तकनीक थोड़ी महंगी है. इसके अलावा रॉकेट तकनीक में सफलता की संभावना जहां 80 फीसदी है वहीं हेलिकॉप्टर तकनीक में कम है. कृत्रिम बारिश करवाने के लिए छोटे आकार के रॉकेट नुमा यंत्र में केमिकल भर कर आकाश में दागे जाते हैं. केमिकल आकाश में बादलों से रासायनिक क्रिया कर बारिश करता है. इस प्रयोग से सामान्य तौर पर 20 किलोमीटर के दायरे में बारिश होती है.
हाल में एनजीटी ने दिल्ली सरकार को पूछा था कि सड़कों पर धूल खत्म करने के लिए पानी का छिड़काव क्यों नहीं किया जा रहा है? हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्यों नहीं हो सकता, क्या ये केवल अधिकारियों को ले जाने के लिए हैं. ऐसे अब जब पूरी दिल्ली धूल और धुएं की चादर में लिपटी हुई है तो हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश करने के विकल्प की मांग पर विचार करना जरूरी हो गया है.