
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फूड कमिश्नर को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं. मंगलवार की रात को खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने नांगलोई की एक राशन दुकान में छापा मारा था. छापेमारी में 1 दिसंबर से बेचे जाने वाले 190 क्विंटल राशन दुकान से गायब मिले थे जिसके बाद मंत्री ने पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा- ये बेहद गंभीर है कि गरीबों का राशन चोरी हुआ. उच्च स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए. मैंने फूड कमिश्नर को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं."
आप आदमी पार्टी के नेता का कहना है कि अगर उपराज्यपाल फूड कमिश्नर को नहीं हटाते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें भी इसकी कालाबाजारी का हिस्सा पहुंचाया जाता है.
'आजतक' की टीम नांगलोई में छापेमारी के दौरान खाद्य विभाग की टीम के साथ मौजूद थी. मंत्री ने बातचीत के दौरान बताया कि सरकारी कागज में राशन 15 नवंबर को दुकान में डिलीवर हो चुका है. ये राशन 1 दिसंबर से 4000 घरों में बंटना था लेकिन जब खाद्य विभाग की टीम राशन दुकान पहुंची तो वहां कुछ भी नहीं मिला.
छापेमारी के दौरान मौजूद मंत्री ने आगे कहा कि 15 तारीख को घेवड़ा गोदाम FCI से राशन निकाला गया था जिसमें 152 क्विंटल गेंहू और 38 क्विंटल चावल की डिलीवरी हुई थी. छापेमारी में लाखों की चोरी सामने आई है इसलिए जांच के आदेश दिए जा रहे हैं. इस मामले में कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर, फूड सप्लाई ऑफिसर, फूड सप्लाई इंस्पेक्टर, ट्रांसपोर्टर, दुकानदार, गोदाम का मैनेजर समेत चोरी के शामिल लोगों को जेल भेजेंगे. पूरे मामले की FIR दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
उधर, आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल और भाजपा पर राशन माफिया के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है. 'आप' नेता दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने इस राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए ही डोर-स्टेप-डिलीवरी स्कीम का प्रस्ताव रखा था. दिल्ली कैबिनेट ने 2 बार ये प्रस्ताव पास करके उपराज्यपाल साहब के पास भेजा, लेकिन भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल साहब ने दोनों बार इस स्कीम को रोक दिया."
आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय ने आगे कहा कि "अगर इतने तथ्यों के बावजूद भी केंद्र सरकार और उपराज्यपाल साहब फूड कमिश्नर को नहीं हटाते हैं तो ये बात साबित हो जाएगी कि राशन की ये कालाबाजारी उपराज्यपाल और फूड कमिश्नर के भी संज्ञान में थी और इस कालाबाजारी से आने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा उपराज्यपाल साहब को भी जाता है."