
दिल्ली की बवाना विधानसभा उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों के तमाम उम्मीदवारों ने प्रचार तेज़ कर दिया है. इलाके में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार घर-घर जाने के अलावा गांव में पदयात्रा के दौरान वोट मांगने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
डोर टू डोर कैम्पेन पर AAP का फोकस
'आप' उम्मीदवार रामचन्द्र बवाना विधानसभा को स्मार्ट गांव बनाने का दावा करते हुए पोस्टर बांट रहे हैं. "दारू से न नोटों से, जीतेंगे वोटों से" जैसे नारे लगाते हुए 'आप' समर्थकों की टोली अपने उम्मीदवार का उत्साह बढ़ा रही है तो उधर रामचंद्र गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना भी नहीं भूल रहे हैं. आम आदमी पार्टी डोर टू डोर कैम्पेन पर ज्यादा फोकस कर रही है. प्रचार के दौरान ई-रिक्शों का इस्तेमाल भी जमकर किया जा रहा है. मामला गांव का है इसलिए 'आप' के प्रचार में महिलाएं भी जोर शोर से हिस्सा ले रही हैं.
आप ने की पदयात्राओं और जनसभाओं की तैयारी
बवाना में प्रचार के लिये 'आप' नेताओं ने खास रणनीति तैयार की है. 15 अगस्त के बाद शाम के वक़्त बवाना के 69 पोलिंग स्टेशन पर प्रोजेक्टर के ज़रिए प्रचार किया जाएगा. चुनाव से कुछ दिन पहले खुद अरविंद केजरीवाल पदयात्रा और जनसभाओं के जरिए जनता से वोट की अपील करेंगे. आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि 26 गाँव में जनसंपर्क के बाद अब प्रचार के आख़िरी दिनों में पूरा फोकस कॉलोनियों में रहेगा. 'आप' उम्मीदवार रामचन्द्र का कहना है कि "बिजली-पानी पर छूट, गलियां और स्कूल बनाये जाएंगे. सरकार के कामकाज बताने लोगों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार वेद प्रकाश की सोच घटिया थी. जनता वेद प्रकाश को भगौड़ा मानती है और आम आदमी पार्टी को ही वोट करेगी."
सेल्फी से घिरे मनोज तिवारी
बीजेपी के स्टार प्रचारक और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बवाना में अपने उम्मीदवार वेद प्रकाश के साथ नुक्कड़ सभाओं का सिलसिला शुरू कर दिया है. बीजेपी की तरफ से बवाना विधानसभा के पूर्वांचली वोटर्स को समेटने की कोशिश तेज़ कर दी हैं. बच्चों और महिलाओं की सेल्फी से घिरे मनोज तिवारी गली गली घूमकर वोट की गुहार लगा रहे हैं. मनोज तिवारी जहां भी जा रहे हैं वेद प्रकाश साथ में नजर आ रहे हैं. ढोल नगाड़ों के स्वागत के साथ लोगों से गले मिलना और लोगों के सामने हाथ जोड़ना भी प्रचार का हिस्सा बन गया है.
हर मोहल्ले पर बीजेपी का फोकस
बीजेपी भी बवाना में वोट मांगने के लिए हर मोहल्ले में जाकर प्रचार कर रही है. छोटे इलाकों में प्रचार का शोर सुनकर लोग घर की बालकनी में आ खड़े होते हैं. ऊंचाई पर खड़े मनोज तिवारी का न सिर्फ फूलों की माला बल्कि गुलाब का फूल देकर स्वागत किया जाता है. क्योंकि मामला गाँव का है तो मनोज तिवारी ने अपने गमझे को खुद ही पगड़ी बनाकर पहनते नज़र आये. मनोज तिवारी ने 15 अगस्त के बाद चुनाव तक बवाना में रुकने का ऐलान किया. इस दौरान वो लोगों की समस्याओं को नोट करेंगे.
बेगमपुर इलाके में मनोज तिवारी के साथ पहुंचे वेद प्रकाश का कहना कि "दिल्ली सरकार ने अंधेर कर दिया है और नाकामी ढाई साल में दिखाई है. न सीसीटीवी लगे, न मार्शल आये न डीटीसी बसें. सैंकड़ों मुद्दे दिखाकर हसीन सपने जनता को दिखाए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया. विपक्ष में आकर काम करेंगे. पक्ष में तो बोलने भी नहीं दिया जाता था, तानाशाही से सरकार चलाते थे."
गांव और कॉलोनियों पर कांग्रेस का फोकस
कांग्रेस में अपने पुराने साथी और 3 बार बवाना से विधायक रहे सुरेंदर कुमार पर भरोसा किया है. ढोल धमाकों के साथ प्रचार करने निकल रहे सुरेंदर कुमार अपनी विधायकी के कामकाज की याद जनता को दिला रहे हैं. बाकी दलों की तरह कांग्रेस भी बवाना के गांव और कॉलोनियों में ज्यादा फोकस कर रही है. उम्मीदवार सुरेंदर कुमार का कहना है कि "पिछले 15 साल में जो विकास विधायक रहते किया था उसी आधार पर वोट मांग रहा हूँ. मेरे हारने के बाद 2 विधायक यहां हुए लेकिन विकास नही हुआ. चुनाव के वक़्त केजरीवाल ने वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया, इस वजह से जनता गुस्से में है."
दिलचस्प बात यह है कि बवाना में आम आदमी पार्टी को सरकार के कामकाज पर भरोसा है, बीजेपी को संगठन पर और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की छवि पर दांव खेला है. फिलहाल, जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है राजनीतिक दल, जनता से जुड़ने की हर आखिरी कोशिश कर रहे हैं.