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EXCLUSIVE: तानाशाह हैं केजरीवाल, अफवाह फैलाना काम: मनोज तिवारी

दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद आत्मविश्वास से सराबोर हैं. वे विश्वास जता रहे हैं कि बीजेपी अब एमसीडी चुनाव में भी जीत हासिल करने में सफल रहेगी. विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद उन्होंने आज तक संवाददाता से बात की. पढें पूरा साक्षात्कार...

मनोज तिवारी मनोज तिवारी
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद आत्मविश्वास से सराबोर हैं. वे विश्वास जता रहे हैं कि बीजेपी अब एमसीडी चुनाव में भी जीत हासिल करने में सफल रहेगी. विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद उन्होंने आज तक संवाददाता से बात की. पढें वे क्या कहते हैं.

मनोज तिवारी कहते हैं कि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को उनकी जगह दिखा दी है. केजरीवाल ने जैसा दिल्ली की जनता के साथ व्यवहार किया उन्हें उसका ठीक वैसा ही जवाब मिला है. वे कहते हैं कि केजरीवाल सैनिकों पर पत्थर मारने वालों के साथ हैं. भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वालों के साथ हैं. ऐसे में जनता भी राहुल और केजरीवाल को बर्बाद कर देगी. इनकी वजहों से ही सैनिकों को थप्पड़ खाने पड़ रहे हैं. जनता उन्हें नहीं छोड़ेगी.

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अरविंद केजरीवाल घोटालों में शामिल
मनोज कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल राशन और टैंकर घोटाले में शामिल हैं. उनकी सरकार में न सिर्फ घोटाले हुए बल्कि वे भी घोटालों में शामिल हैं. वे कहते हैं कि ईमानदारी का चोला ओढ़कर आए उनकी पार्टी के नेता फर्जी डिग्रीधारी, भ्रष्टाचारी और व्याभिचारी बन गए. वे आगे कहते हैं कि यदि राजौरी गार्डन में लोगों को विधायक से नाराजगी थी तो केजरीवाल भी तो दिल्ली छोड़कर भागे थे. खुद मुख्यमंत्री बनने पंजाब गए थे. उनके विधायक भी उपमुख्यमंत्री बनने गए थे. वे केजरीवाल पर कुटिल राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. वे कहते हैं कि पंजाब में चुनाव खत्म होते ही उन्हें पंजाबियों से कोई मतलब न रहा. उन्होंने बैसाखी पर एक ट्वीट तक न किया. मनोज तिवारी आगे कहते हैं कि केजरीवाल की समझ के अनुसार दिल्ली के लोग बेवकूफ हैं. मगर अब जनता उन्हें समझ चुकी है.

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पोस्टर वॉर पर केजरीवाल को लिया आड़े हाथ
मनोज तिवारी कहते हैं कि केजरीवाल ने पूरी दिल्ली में खुद बनाम विजेंद्र गुप्ता की तस्वीरों वाले पोस्टर लगवाए हैं. वे सवाल पूछते हैं कि क्या केजरीवाल दिल्ली के मेयर बनेंगे. ऐसे में जब विजेंद्र गुप्ता उनकी पार्टी के मेयर कैंडिडेट नहीं हैं तो उनकी तस्वीर लगाए जाने का क्या औचित्य है. वे खुद को पार्टी का सेनापति और विजेंद्र गुप्ता को पार्टी का सैनिक कहते हुए सेनापति की तस्वीर लगाने की बात कहते हैं.

पूर्वांचल के अपमान का दिया हवाला
वे कहते हैं कि बीजेपी द्वारा मनोज तिवारी का सम्मान उन्हें रास नहीं आ रहा. वे पूर्वांचलियों को दबाकर रखने में यकीन रखते हैं. उनसे कुर्सियां उठवाते हैं. पानी पिलवाते हैं लेकिन वाजिब सम्मान नहीं करते. वे आगे कहते हैं कि एमसीडी के लिए उनके पास विजन है. एमसीडी फंड मिलने पर वे एक्ट में बदलाव लाएंगे ताकि अधिक से अधिक काम हो पाए. वे सफाई कर्मचारियों को सफाई सहायक का नाम दिए जाने की बात कहते हैं. उन्हें समय पर सैलरी दिया जाना उनके वरीयताक्रम में सबसे ऊपर है.

केजरीवाल को कहा तानाशाह
मनोज कहते हैं कि केजरीवाल तानाशाह हैं. सबुकुछ खुद के हिसाब से चलाना चाहते हैं. सोलह हजार की थाली खाते हैं. वे कहते हैं कि केजरीवाल की जीभ 56 इंच की है. वे इसे अफवाह फैलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जब उन्हें मुझमें कोई ऐब नहीं दिखता तो वे सुरसुरी छोड़ रहे हैं. वे कैलाश खेर के मामले पर कहते हैं कि कैलाश उनके अच्छे दोस्त हैं और वे उन्हें प्रचार के लिए बुला रहे हैं. वे भाजपा दिल में, भाजपा दिल्ली में को गीत के बजाय पार्टी का मंत्र कहते हैं.

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नए चेहरों को जगह देना रणनीति का हिस्सा
वे मौजूदा पार्षदों के टिकट कटने पर कहते हैं कि ऐसा उनके भ्रष्ट होने की वजह से नहीं हुआ, बल्कि वे नए चेहरों का लाना चाहते थे. वे कहते हैं कि उन्होंने मौजूदा पार्षदों को दूसरी जिम्मेदारियां दी हैं. उनके तीन महामंत्रियों में से दो पार्षद हैं.

एमसीडी पार्कों की तुलना कनाडा-पेरिस से की
वे कहते हैं कि एमसीडी के पार्कों में बैठने पर लोगों को कनाडा और पेरिस में बैठने का एहसास होगा. वे वर्ल्ड क्लास स्ट्रीट लाइटें लगाने की बातें भी कहते हैं. वे खुद को मोदी जी का सिपाही और एक्टिव अध्यक्ष कहते हैं. वे 14 घंटों तक लोगों और झुग्गियों के बीच में रहने की बात कहते हैं.

चार कंधों पर ही राजनीति से विदा
राजनीति में दाखिल होने पर जब पीएम मोदी ने उनसे गीत गाने के बारे में पूछा तो उन्होंने जनता की सेवा का हवाला दिया, लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि गाना चलने देना. वे कहते हैं कि जिस दिन पीएम ने संसद के दरवाजे पर माथा पटका था. उसी दिन सोच लिया कि अब राजनीति से विदा होंगे तो चार कंधों पर सवार होकर ही होंगे. वे कहते हैं कि माइग्रेशन का दर्द बताने वाली उनकी फिल्म लंबे समय से अटकी पड़ी है. वे पलायन का दर्द झेल चुके हैं और वे इस बात से वाकिफ हैं कि कैसे लोग 8-10 हजार की नौकरी के लिए अपने घरों से दूर हो जाते हैं. वे अंत में दिल्ली की लड़कियों के लिए गाए गए गाने का जिक्र करते हैं. वह गाना है- जियs हो दिल्ली की बाला, जियs हो हजार साला...

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