
राजधानी दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है. कैबिनेट ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले पर मुहर लगा दी है. यह खबर इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण है कि अब 1 जून 2014 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियां नियमित की जाएंगी, जबकि पहले 31 मार्च 2002 तक ही बनी कॉलोनियों को ही नियमित करने की योजना थी.
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले शहर के करीब 60 लाख लोगों को फायदा पहुंचाने वाले एक बड़े फैसले के तहत केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जिससे इस साल एक जून तक बनी यहां की 895 अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो सकेंगी.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस फैसले से कुल 1939 कॉलोनियां नियमित किए जाने की पात्र होंगी, क्योंकि कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. उधर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सरकार 60 लाख लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूरा, भूमि अधिग्रहण पर सरकार इतनी हड़बड़ी में क्यों है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उन मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी गई जिससे एक जून 2014 तक बनी सभी अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो सकेंगी. नियमित करने की कट ऑफ तारीख 31 मार्च 2002 से बढ़ाकर एक जून 2014 कर दी गई है.’
कैबिनेट की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘यह अध्यादेश दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए है.’ जेटली ने कहा कि दिल्ली विधि (विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक, 2014 पर अध्यादेश का प्रभाव यह होगा कि ‘895 कॉलोनियों’ को फायदा होगा और वहां रह रहे करीब 60 लाख लोगों को भी लाभ होगा.’
वित्त मंत्री ने कहा कि विस्तृत क्रियान्वयन एवं दिशानिर्देश संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी किए जाएंगे. नियमित किए जाने से कॉलोनियों में आधारभूत संरचना एवं अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने पिछले हफ्ते संसद को बताया था कि सरकार उन अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किए जाने की तरफ बढ़ रही है जहां लोगों को पहले से ही बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. नायडू ने कहा था, ‘पर आधिकारिक तौर पर वे अनधिकृत हैं. वे अपनी जायदाद को अंतरित भी नहीं कर सकते.’
- इनपुट भाषा से