
दिल्ली में नए अध्यक्ष के ऐलान के लिए सोनिया गांधी के घर दिल्ली के सभी पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों की शनिवार को बैठक हुई. तकरीबन 45 मिनट चली इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, प्रभारी पीसी चाको शामिल हुए. लेकिन दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कोई ठोस तस्वीर सामने नहीं आ सकी.
शीला दीक्षित के निधन के बाद से ही दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. कार्यकर्ता असमंजस में हैं और विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं. ऐसे में सोनिया गांधी ने शनिवार को सभी पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक बुलाई और उसमें यह तय किया गया कि अगले 2 से 3 दिन में नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाएगा.
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने बताया कि सोनिया गांधी ने हमें आश्वस्त किया है कि सभी लोगों से चर्चा के बाद अगले 2 से 3 दिन में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक जेपी अग्रवाल और अजय माकन का नाम इस लिस्ट में सबसे आगे है. मगर सोनिया गांधी किसी युवा चेहरे पर भी दांव लगा सकती हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक अलका लांबा छह साल बाद शुक्रवार को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गईं. अलका लांबा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली की जिम्मेदारी किसी युवा के हाथ में जा सकती है. फिलहाल, दिल्ली कांग्रेस में युवा बनाम वरिष्ठ के बीच भी एक खींचतान देखने को मिल सकती है.
हरियाणा में अध्यक्ष पद के ऐलान के बाद आलाकमान पर दबाव है कि जल्द ही दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाए क्योंकि एक तरफ बीजेपी और आम आदमी पार्टी चुनाव के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कार्यकर्ता अध्यक्ष न होने की सूरत में अपने घरों में बैठा है.
विधानसभा चुनाव पर नजर
बहरहाल, राष्ट्रीय राजधानी में 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार सत्ता में रही कांग्रेस की नजरें आगामी विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अभियान शुरू कर दिया है.
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से 2013 का चुनाव हार गई थी, जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में उसका पूरी तरह सफाया हो गया था. इस चुनाव में AAP ने 70 में से 67 और बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं.