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दिल्ली सरकार से SC ने पूछा- कोरोना की टेस्टिंग क्यों घटाई? अस्पतालों में हालात बदतर

दिल्ली सरकार को कोरोना वायरस के मामलों को लेकर सर्वोच्च अदालत से कड़ी फटकार लगी है. अदालत ने पूछा है कि जब मुंबई और चेन्नई जैसे शहर टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं, तो आपने टेस्टिंग क्यों घटा दी है.

दिल्ली के कोरोना संकट पर सुप्रीम कोर्ट सख्त (PTI) दिल्ली के कोरोना संकट पर सुप्रीम कोर्ट सख्त (PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2020,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

  • दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार
  • दिल्ली में भयावह हालात, आपने टेस्टिंग क्यों घटाई: SC

दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लगातार खराब होती स्थिति पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने इस दौरान दिल्ली के हालात पर चिंता व्यक्त की है. SC ने राज्य सरकार से पूछा है कि दिल्ली में टेस्टिंग कम क्यों हो गई है. साथ ही अस्पतालों में शवों के रखरखाव को लेकर भी अदालत ने सरकार को फटकारा है. दिल्ली में जिस तरह से शवों का रखरखाव किया जा रहा है, वह काफी दुख देने वाला है.

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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कुछ दिक्कत है, क्योंकि टेस्टिंग अब 7000 से कम होकर सिर्फ 5000 तक पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आपने टेस्टिंग क्यों घटा दी है. मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों ने टेस्टिंग बढ़ा दी है और आज 15-17000 टेस्ट रोज कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली सिर्फ 5000 टेस्टिंग हो रही है. शवों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, हालात बहुत खराब हैं.

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शवों का रखरखाव दुख देने वाला: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब देश में कोरोना वायरस के मामले रोज 10 हजार जा रहे हैं, तो समझ में नहीं आ रहा कि टेस्टिंग क्यों घटा दी गई है. दिल्ली सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाने के लिए क्या किया, ये बताना होगा. इसके अलावा दिल्ली में शवों के रख रखाव की हालत भी काफी खराब है. परिवार के लोगों को मौत की जानकारी नहीं दी जा रही है.

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सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से शवों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की गई हैं. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मरीजों के इलाज को लेकर सरकारों के द्वारा काम किया जा रहा है, लेकिन कल जो देखा गया वो काफी भयावह था.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के बाद भी अगर राज्य इन्हें लागू नहीं कर रहे हैं तो आप क्या कर रहे हैं? एक राज्य में लाश गटर में मिल रही है. अगर बेड हैं तो फिर सरकारी अस्पतालों की स्थिति क्या है?

सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में दिखाया जा रहा है कि शवों के साथ ही मरीजों का इलाज हो रहा है. इसपर दिल्ली के वकील ने कहा कि LG ने इस मामले में कमेटी बनाई है जो मसला देख रही है.

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कई राज्य सरकारों को अदालत ने दिया नोटिस

इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बंगाल को नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें सरकारी अस्पतालों की स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं. इसके अलावा कई सरकारी अस्पतालों के डायरेक्टरों को नोटिस जारी किया गया है. सभी को मरीजों की देखभाल की जानकारी अदालत को देनी होगी.

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इसके अलावा अदालत ने केंद्र को भी नोटिस जारी करते हुए एक विस्तृत जवाब मांगा है, जिसमें मरीजों की देखभाल की पूरी गाइडलाइन्स दी जाएं. इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों और शवों के रखरखाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.

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