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दिल्ली की एक अदालत ने नशे की हालत में व्यावसायिक वाहन चलाने के दोषी 31 साल के व्यक्ति की दस दिन की जेल की सजा घटाकर एक दिन कर दी है. अदालत ने कहा कि दोषी अपनी गलती के लिए शर्मिंदा है.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र कौर ने गुड़गांव के रहने वाले बिजेंद्र कुमार की सजा घटाई, लेकिन दोषसिद्धि बरकरार रखी. अदालत ने कहा, 'नशे की हालत में गाड़ी चलाना मतलब चालक की अपनी जान खतरे में साथ हीसड़क पर मौजूद दूसरे लोगों की जिंदगी को भी खतरा.'
जज ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बहुत शराब पी थी क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार, मादक पदार्थ की मात्रा 100-440ml पाई गई जो अनुमति सीमा से बहुत ज्यादा है.
अदालत ने कहा, 'अपीलकर्ता को अपनी गलती का अफसोस है. उसकी दोषसिद्धि तो बरकरार रखी जाती है लेकिन सजा के आदेश में आंशिक रूप से संशोधन करके इसे घटाकर एक दिन किया जाता है.'
भाषा से इनपुट