
केंद्र सरकार की पानी क्वालिटी की रिपोर्ट जारी होने के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया. उधर, एमसीडी और दिल्ली जलबोर्ड ने भी दिल्ली में पानी की क्वालिटी को लेकर एक जांच करवाई, जिसमें 90 फीसदी पानी साफ पाया गया है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी का रूख हमलावर हो गया है. उधर, तमाम विपक्षी पार्टियां इस मसले पर सीधे तौर पर टिप्पणी देने से बच रही हैं.
दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए तो सियासी तूफान मच गया. केंद्र सरकार ने देशभर के 21 शहरों के पानी के नमूनों की जांच के बाद बताया कि मुंबई का पानी सर्वोत्तम है तो दिल्ली का पानी सबसे खराब. इसके बाद एमसीडी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी का रूख हमलावर हो गया है. पार्टी के मुताबिक, खुद एमसीडी की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में 90 फीसदी पानी का सैंपल साफ है.
एमसीडी की जांच में 4400 सैंपल पास
एमसीडी ने 31 अक्टूबर 2019 को एक रिपोर्ट पेश किया था. उसमें बताया गया था कि एमसीडी और दिल्ली जलबोर्ड ने मिलकर पानी के 4523 सैंपल लिए थे. इनमें 4400 सैंपल पास हुए जबकि सिर्फ 123 सैंपल फेल हुए थे. हालांकि खुद बीजेपी इस रिपोर्ट से आश्वास्त नहीं है. नॉर्थ एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयप्रकाश के मुताबिक दिल्ली में कितना पानी खराब है उसे जानने के लिए किसी सैंपल की जरूरत नहीं है.
सैंपल से संतुष्ट नहीं कांग्रेस
कांग्रेस भी पानी की गुणवत्ता को लेकर सैंपल टेस्ट को लेकर संतुष्ट नहीं है. उसका कहना है कि एमसीडी हवाई दावे कर रही है और दिल्ली सरकार सबको गंदा पानी पिला रही है.
BIS ने जारी की थी रैंकिंग
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स यानी बीआईएस ने पिछले दिनों देशभर के अलग-अलग शहरों से पानी के नमूने एकत्र कर उनकी जांच करने और शहरों की रैंकिंग जारी की थी. उसके बाद एमसीडी और दिल्ली जलबोर्ड ने दिल्ली में पानी की क्वालिटी को लेकर रिपोर्ट जारी की है. ऐसे में पानी को लेकर सियासी तूफान अभी थमता नहीं दिखता है.