
दिल्ली की जंग को फतह करने के लिए कांग्रेस-बीजेपी हरसंभव कोशिश में जुटी हैं. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने बिहार के अपने-अपने सहयोगी दलों को दिल्ली में सारथी बनाया है. कांग्रेस ने आरजेडी से गठबंधन किया है तो बीजेपी ने जेडीयू और एलजेपी से हाथ मिलाया है.
कांग्रेस ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को दिल्ली में चार विधानसभा सीटें दी हैं. वहीं, बीजेपी ने नीतीश कुमार की जेडीयू को दो सीटें और रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी को एक सीट दी है. कांग्रेस और बीजेपी ने दिल्ली में अपने-अपने सहयोगी दलों को सीटें देकर पूर्वांचली वोटरों को साधने के साथ-साथ बिहार में होने वाले चुनाव में मोलभाव का भी रास्ता खोला है. बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
दिल्ली में आरजेडी को मिली ये सीटें
कांग्रेस दिल्ली की 70 में से 66 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और चार सीटें आरजेडी को दी हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चारों सीटों पर अपने कैंडिडेट भी उतार दिए हैं. आरजेडी ने बुराड़ी से प्रमोद त्यागी, किराड़ी से डॉ मोहम्मद रियाजउद्दीन खान, उत्तमनगर से शांति कुमार और पालम से निर्मल कुमार सिंह को मैदान में उतारा है.
जेडीयू-एलजेपी की इन सीटों पर आजमाइश
वहीं, बीजेपी दिल्ली में 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी तीन सीटों में से दो सीटें जेडीयू और एक सीट एलजेपी को दी गई है. जेडीयू के खाते में संगम विहार और बुराड़ी सीटें आई हैं तो सीमापुरी सीट एलजेपी को मिली है. जेडीयू ने संगम विहार सीट से कैंसर विशेषज्ञ और पूर्व विधायक डॉ एससीएल गुप्ता को उतारा है तो बुराड़ी से शैलेंद्र कुमार चुनावी ताल ठोक रहे हैं.
शैलेंद्र कुमार ने गठबंधन के ऐलान से पहले ही बुराड़ी सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था. बुराड़ी विधानसभा सीट ऐसी है जहां आरजेडी और जेडीयू के उम्मीदवार आमने-सामने मैदान में हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने-अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत झोकेंगे.
पूर्वांचली बहुल विधानसभा सीटें
बता दें कि दिल्ली में करीब 25 फीसदी से ज्यादा मतदाता पूर्वांचली हैं. दिल्ली की किराड़ी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, बादली, गोकलपुरी, जनकपुरी, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, विकासपुरी, सीमापुरी जैसी विधानसभा सीटों पर पूर्वांचली मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. ऐसे में दिल्ली के पूर्वांचली मतदाताओं को कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने बिहारी सारथी के जरिए साधने की कवायद की है.