Advertisement

विकास का दूत, हिन्दुत्व नहीं अछूत: सियासत की नई इबारत लिखने निकले केजरीवाल 3.0

राजनीतिक पंडित कहते हैं कि अगर लोकतंत्र में राष्ट्रवाद और धर्म (बहुसंख्यकों का) को जोड़ दिया जाए तो ये चुनाव में कामयाबी का बेजोड़ फॉर्मूला बन जाता है. केजरीवाल ने इस फॉर्मूले में विकास को भी जोड़ दिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है.

दिल्ली के हनुमान मंदिर में अरविंद केजरीवाल (फोटो- पीटीआई) दिल्ली के हनुमान मंदिर में अरविंद केजरीवाल (फोटो- पीटीआई)
पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

  • राम के बरक्स केजरीवाल ने हनुमान को किया खड़ा
  • वंदे मातरम, भारत माता की जय का नारा किया बुलंद
  • बीजेपी से हथिया लिया राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व का मुद्दा

मंगलवार को दिल्ली स्थित आम आदमी पार्टी के दफ्तर की छत से केजरीवाल जब पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले जो नारा बुलंद किया वो था- भारत माता की जय. उन्होंने जीत के जश्न में उतावले पार्टी कार्यकर्ताओं से एक के बाद एक तीन नारे लगवाये.

Advertisement

ये नारे थे भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वंदे मातरम. लगभग 5 मिनट तक AAP कार्यकर्ताओं से रुबरू होने के बाद उन्होंने अपना भाषण खत्म करते हुए एक बार फिर से ये तीन नारे लगवाये और वंदे मातरम से अपना भाषण खत्म किया.

केजरीवाल के विजय भाषण में भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे नारों की भरमार यकायक नहीं है. इसके पीछे रणनीति और भविष्य की सियासत की सोच है. दरअसल इस पूरे चुनाव में बीजेपी ने जेएनयू और CAA के मुद्दे पर केजरीवाल को घेरने की कोशिश की. प्रकाश जावड़ेकर और परवेश वर्मा ने उन्हें आतंकी तक कहा. इन आरोपों पर केजरीवाल ने कभी आपा नहीं खोया. बल्कि इसका जवाब उन्होंने चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारों से दिया.

Advertisement

राष्ट्रवाद के हथियार से बीजेपी की काट

दरअसल इन नारों के जरिए केजरीवाल ने बीजेपी के हथियार की काट निकाल ली है. कभी सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सबूत मांगने वाले केजरीवाल ने अपनी रणनीति बदली है और ये संदेश दिया है कि राष्ट्रवाद के नारे बीजेपी की बपौती नहीं हो सकते हैं. केजरीवाल अब इन नारों को मौलिक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी बानगी केजरीवाल के चुनावी और विजय संबोधन में देखने को मिली.

पढ़ें: जहां नीतीश-शाह ने की साझा रैली, वहां बना सबसे बड़े हार का रिकॉर्ड

राजनीतिक पंडित कहते हैं कि अगर लोकतंत्र में राष्ट्रवाद और धर्म (बहुसंख्यकों का) को जोड़ दिया जाए तो ये चुनाव में कामयाबी का बेजोड़ फॉर्मूला बन जाता है. केजरीवाल ने इस फॉर्मूले में विकास को भी जोड़ दिया है. इसका नतीजा भी इस देखने को मिल रहा है.

बीजेपी के राम, तो केजरीवाल के हनुमान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के राम के बरक्स अपने हनुमान को खड़ा किया. उन्होंने टीवी चैनल के स्टूडियो में हनुमान चालीसा पढ़ी. चुनाव से पहले हनुमान मंदिर गए और नतीजों के बाद भी सपरिवार बजरंगबली के दरबार पहुंचे. इससे पहले पार्टी दफ्तर में अपने संबोधन में भी उन्होंने हनुमान भगवान का खासतौर से जिक्र किया. केजरीवाल ने कहा कि आज मंगलवार है और ये हनुमान जी का दिन है. हनुमान जी ने आज अपनी दिल्ली पर कृपा बरसाई है. इसके लिए हनुमान जी को भी बहुत-बहुत धन्यवाद है. केजरीवाल के संबोधन के दौरान उनके समर्थक भी जोर से जय बजरंगबली के नारे लगाते नजर आए.

Advertisement

पढ़ें: AAP vs BJP: सबसे छोटे सत्तारूढ़ दल से हार गई दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी केजरीवाल की धार्मिक आस्था पर चोट करती रही. मनोज तिवारी ने उन्हें नकली भक्त तक कहा और कहा कि केजरीवाल ने हनुमान जी को अशुद्ध कर दिया है. इन आरोपों का जवाब देने के बजाय केजरीवाल ने चुप्पी साधना बेहतर समझा. बीजेपी के आरोपों पर आक्रामक हुए बिना उन्होंने सधे शब्दों में जवाब देते हुए कहा, 'ये कैसी राजनीति है? भगवान तो सभी के हैं. भगवान सभी को आशीर्वाद दें, बीजेपी का भी भला हो.'

हिन्दू मध्य वर्ग की चिंताओं का निदान

अरविंद केजरीवाल ने इन कदमों से हिन्दू मध्य वर्ग की चिंताओं का निदान करने में सफलता पाई है. दिल्ली का ये समूह केजरीवाल की नीतियों का प्रशंसक तो है लेकिन केजरीवाल पर लगे तुष्टिकरण के आरोपों से उसका विश्वास कभी-कभी डगमगाता भी है. केजरीवाल ने अपने कदमों से इनका भरोसा पुख्ता करने की कोशिश की है.

यही वजह रही कि CAA और शाहीन बाग के मुद्दे पर केजरीवाल बीजेपी के दबाव में कभी नहीं आए. न तो वे शाहीन बाग गए और न ही शाहीन बाग प्रदर्शन की सीधी आलोचना कर मुस्लिम वर्ग की नाराजगी मोल लेने की गलती की. इसका फायदा उन्हें मुस्लिम वोटों के बंपर ट्रांसफर के रूप में मिला. केजरीवाल राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और विकास के इस फॉर्मूले को अब आगे लेकर चलने वाले हैं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement