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Delhi Election Results 2020: अमानतुल्ला खान की विशाल जीत, जानें- मुस्लिम बहुल सीटों के नतीजे

Delhi Assembly Election Results 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर करिश्मा कर दिखाया है और वह तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. आप की इस प्रचंड जीत के साथ ही ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने भी जीत का रिकॉर्ड बनाया है.

Delhi Chunav Result 2020: अमानतुल्ला खान Delhi Chunav Result 2020: अमानतुल्ला खान
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:55 PM IST

  • दिल्ली में 12 फीसदी मुस्लिम वोटों का 8 सीटों पर प्रभाव
  • बीजेपी की ओर से से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में नहीं

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election Results 2020) के नतीजे मंगलवार को आ गए हैं. ऐसे में लोगों की नजर दिल्ली की 8 मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर है कि इन सीटों पर कैसा रिजल्ट रहा. दिल्ली में इन सीटों पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं.

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ओखला विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले शाहीन बाग में तो पिछले दो महीने से महिलाएं रात-दिन धरने पर बैठी हैं. बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में शाहीन बाग को मुद्दा बनाया था तो अरविंद केजरीवाल ने मुस्लिम बहुल इलाकों से पूरे चुनाव प्रचार में दूरी बनाकर रखी थी. वहीं, कांग्रेस शाहीन बाग के समर्थन में खड़ी रही थी.

दिल्ली में मुस्लिम बहुल सीटें

दिल्ली की सियासत में मुस्लिम मतदाता 12 फीसदी के करीब हैं. दिल्ली की कुल 70 में से 8 विधानसभा सीटों को मुस्लिम बहुल माना जाता है, जिनमें बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, चांदनी चौक, मटिया महल, बाबरपुर और किराड़ी  सीटें शामिल हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में 35 से 60 फीसदी तक मुस्लिम मतदाता हैं. साथ ही त्रिलोकपुरी और सीमापुरी सीट पर भी मुस्लिम मतदाता काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

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ओखला:

ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान ने बड़ी जीत की हासिल की है. उन्होंने 71827 वोटों से बीजेपी के ब्रह्म सिंह को हराया है. ओखली सीट पर AAP के मौजूदा विधायक अमानतुल्ला खान के सामने कांग्रेस से पूर्व विधायक परवेज हाशमी और बीजेपी से ब्रह्म सिंह किस्मत आजमा रहे थे. 2015 में AAP ने यहां पर जीत दर्ज की थी. शुरुआती रुझान में अमानतुल्ला खान पीछे चल रहे हैं.

मटिया महल:

मटिया महल विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के शोएब इकबाल ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस इस सीट पर जमानत नहीं बचा सकी.

मटिया महल सीट से AAP से शोएब इकबाल तो कांग्रेस के एम मिर्जा आमने-सामने हैं तो बीजेपी से रविंदर गुप्ता किस्मत आजमा रहे हैं. 2015 में इस सीट पर आम आदमी पार्टी से असीम अहमद ने जीत दर्ज की थी. आम आदमी पार्टी के शोएब इकबाल आगे चल रहे हैं.

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बल्लीमारान :

आम आदमी पार्टी के इमरान हसन ने जीत दर्ज कर ली है. बल्लीमरान सीट से इमरान के सामने कांग्रेस के हारुन यूसुफ थे तो बीजेपी से लता सोढ़ी किस्मत आजमा रही थीं. 2015 में AAP से इमरान हसन ने जीत दर्ज की थी.

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सीलमपुर: AAP ने जीत दर्ज की

आम आदमी पार्टी के अब्दुल रहमान ने जीत दर्ज की है. बीजेपी के कौशल मिश्रा दूसरे नंबर पर रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले इसी पार्टी पर जीत दर्ज की है. सीलमपुर सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन और बीजेपी से कौशल मिश्रा मैदान में थे.

मुस्तफाबाद:

इस सीट पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है. आम आदमी पार्टी से हाजी युनूस ने बाजी मार ली है. उन्होंने 20 हजार से ज्यादा अंतर से बीजेपी के जगदीश प्रधान को हराया है. मुस्तफाबाद सीट से कांग्रेस के अली मेंहदी मैदान में थे. 2015 में बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी आगे चल रही है.

किराड़ी:

आम आदमी पार्टी के रितुराज गोविंद ने किराड़ी सीट से जीत दर्ज कर ली है. किराड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी ने मोहम्मद रियाजुद्दीन को उतारा था, जबकि बीजेपी से अनिल झा किस्मत आजमा रहे थे. रितुराज गोविंद ने बीजेपी के अनिल झा को 5654 मतों से हराया.

बाबरपुर:

आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने इस सीट से जीत दर्ज कर ली है. बाबरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी से नरेश गौर, आम आदमी पार्टी से गोपाल राय और कांग्रेस से अनवीक्षा दीक्षित मैदान में थे. गोपाल राय ने नरेश गौर को 33062 मतों से हराया है. 2015 में भी आम आदमी पार्टी से गोपाल राय विधायक चुने गए थे.

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बता दें कि दिल्ली में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है. वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से पांच-पांच प्रत्याशी मुस्लिम मैदान में थे.

2015 के नतीजे

2015 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय की दिल्ली में पहली पसंद AAP बनी थी. इसका नतीजा रहा कि मुस्लिम बहुल सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने कांग्रेस के दिग्गजों को करारी मात देकर कब्जा जमाया था. आम आदमी पार्टी ने सभी मुस्लिम बहुल इलाकों में जीत का परचम फहराया था. केजरीवाल की पार्टी से जीते चार मुस्लिम विधायकों में से एक मुस्लिम विधायक को मंत्री बनाया था. इससे पहले 2013 में कांग्रेस से भी चार मुस्लिम विधायक चुने गए थे.

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