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Delhi elections 2020: बल्लीमारान सीट पर कांग्रेस की वापसी या AAP की होगी जीत

2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) ने खाता खोला और उसके उम्मीदवार इमरान हुसैन ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार श्याम लाल मोरवाल को हराया था. चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे.

Delhi elections 2020: बल्लीमारान से कांग्रेस की नजर जीत पर (फाइल) Delhi elections 2020: बल्लीमारान से कांग्रेस की नजर जीत पर (फाइल)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

  • बल्लीमारान मशहूर शायर मिर्जा गालिब की धरती
  • बीजेपी को बल्लीमारान में आज तक नहीं मिली जीत
  • 2015 में आम आदमी पार्टी को मिली पहली जीत

महान शायर मिर्जा गालिब की नगरी के नाम से मशहूर बल्लीमारान दिल्ली के बेहद चर्चित क्षेत्रों में से एक है और यह चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. दिल्ली विधानसभा (Delhi Elections 2020) के 70 सीटों में से एक बल्लीमारन विधानसभा सीट सेंट्रल दिल्ली जिले में पड़ता है. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में 1,40,772 वोटर्स थे जिसमें 78,774 पुरुष और 61,991 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 7 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.

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पिछले विधानसभा चुनाव में बल्लीमारान विधानसभा सीट से कुल 1,40,772 वोटर्स में से 95,656 वोटर्स ने वोट डाले. जबकि 304 मत नोटा के पक्ष में पड़े थे.

2015 में AAP ने खाता खोला

2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) ने खाता खोला और उसके उम्मीदवार इमरान हुसैन ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार श्याम लाल मोरवाल को 33,877 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे.

आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने चुनाव में कुल मतों का 57,118 (59.7 फीसदी) मत हासिल किया. जबकि दूसरे स्थान पर रहे श्याम लाल ने 23,241 यानी 24.3% मत हासिल किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हारुन युसूफ तीसरे स्थान पर रहे थे और उन्हें 13,205 मत मिले थे. वह शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे थे.

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लगातार 5 जीत का रिकॉर्ड

मुस्लिम बहुल क्षेत्र बल्लीमारान कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और 1993 से पूर्ण विधानसभा का दर्जा पाने के बाद से ही कांग्रेस का कब्जा रहा और हारुन युसूफ ने इस सीट से लगातार 5 बार जीत हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया। हारुन 1993 से 2013 तक लगातार जीतते रहे. उन्हें 2015 में पहली बार हार का मुंह देखना पड़ा और वह चुनाव में तीसरे स्थान पर खिसक गए.

1993 के बाद से कांग्रेस जहां इस विधानसभा सीट से लगातार 5 बार जीत चुकी है तो भारतीय जनता पार्टी यहां से अपना खाता भी नहीं खोल सकी है. हालांकि पिछले 6 चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 5 बार दूसरे नंबर पर रही थी.

2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की लहर में यह सीट आम आदमी पार्टी ने अपने नाम कर लिया. आम आदमी पार्टी की जीत इस मायने में अहम रही क्योंकि इसने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाते हुए हारुन युसूफ को हरा दिया. हारुन युसूफ दिल्ली के चंद शीर्ष बड़े नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं.

क्या बीजेपी को मिलेंगे 30 हजार वोट?

भारतीय जनता पार्टी इस सीट से एक बार भी जीत हासिल नहीं कर सकी है और कम से कम उसकी कोशिश होगी कि इस क्षेत्र से उसे 30 हजार से ज्यादा मत मिल जाए. बल्लीमारान से बीजेपी वोट पाने के मामले में कभी भी 30 हजार के आंकड़ों को छु नहीं सकी है.

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2008 के चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जब उसके उम्मीदवार मोती लाल सोढ़ी को 28,423 मत मिले. हालांकि 2013 में उन्हें 24,012 मत मिले. 2015 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार श्याम लाल 23,241 मत ही हासिल कर सके.

पिछले विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता इमरान हुसैन की बात की जाए तो 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार वह स्नातक हैं और दिल्ली के युवा विधायकों में से एक हैं. 37 वर्षीय विधायक इमरान हुसैन के पास पिछले हलफनामे के अनुसार उनके पास 73,97,824 रुपये की संपत्ति है. उनके खिलाफ एक आपराधिक केस भी दर्ज है.

कब होगी मतगणना?

दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी.

70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.

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