
दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर चुके हैं. शनिवार को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर करीब 67 फीसदी मतदान हुआ. मतदान के बाद ईवीएम गोल मार्केट में अटल आदर्श बंगाली बालिका विद्यालय में रखी गई हैं. चुनाव परिणाम 11 फरवरी को आने हैं. दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी लहर अपने हक में करने के लिए कई मुद्दे उठाए और तमाम नारे लगवाए लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि दिल्ली चुनाव में सबसे बड़ा फैक्टर विकास ही रहा.
विकास रहा दिल्ली के मतदाताओं का सबसे बड़ा मुद्दा
एग्जिट पोल के परिणामों के मुताबिक जब दिल्ली के लोगों से पूछा गया कि मतदान करते समय उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या था तो सबसे ज्यादा लोगों ने विकास को अपना मुद्दा बताया. दूसरे नंबर पर महंगाई और तीसरे पर बेरोजगारी रही. दिल्ली के 37 प्रतिशत लोगों ने विकास को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बताया जबकि 17 फीसदी ने महंगाई और बेरोजगारी को 14 फीसदी लोगों ने प्राथमिकता दी. राष्ट्रीय सुरक्षा को सिर्फ 6 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपनी पहली प्राथमिकता माना.
चुनाव में मुद्दा चुनने में गलती कर गई बीजेपी
अन्य चुनावों की तरह ही बीजेपी ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव भी मोदी सरकार के काम और राष्ट्रीय सुरक्षा को मुद्दा बनाकर लड़ने की कोशिश की. बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली के चुनावों में शाहीन बाग, सीएए, एनआरसी, एनपीआर, तीन तलाक, पाकिस्तान, राष्ट्र भक्ति, देश द्रोह, धारा 370, सर्जिकल स्ट्राइक, गद्दार जैसी तमाम बातें अपनी जनसभाओं में कीं.
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बीजेपी की इन बातों पर जनसभाओं और उसके बाद टीवी डिबेट में जमकर हो-हल्ला हुआ लेकिन वो मुद्दे मतदाताओं के साथ मतदान केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाए. यही वजह है कि एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता हुआ और बीजेपी का वनवास पांच साल और लंबा होता हुआ दिखाई दे रहा है.
केजरीवाल ने यूं मारी बाजी
केजरीवाल ने इस चुनाव में शुरुआत से ही काम यानी विकास पर फोकस किया. केजरीवाल हमेशा कहते दिखे कि यह चुनाव काम पर लड़ा जाएगा और जनता काम पर वोट करेगी. केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक के मुद्दे पर जमकर बैटिंग की. उन्होंने हर गली, चौक-चौराहे पर अपने मोहल्ला क्लिनिक को केंद्र की आयुष्मान हेल्थ कार्ड से बेहतर बताया.
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इसके अलावा 200 यूनिट फ्री बिजली, रोज 700 लीटर फ्री पानी के काम ने लोगों को आम आदमी पार्टी पर भरोसा बढ़ाने का काम किया. इसके साथ ही दिल्ली की सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा की सुविधा ने भी दिल्ली की आधी जनता को केजरीवाल के झाड़ू पर बटन दबाने को मजबूर किया.