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Delhi election 2020: दिल्ली में वोटिंग फीसदी जारी करने में हुई देरी? पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया जवाब

Delhi election 2020: दिल्ली में वोटिंग के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने को लेकर सियासी घमासाच मच गया था. बीजेपी जहां आयोग का बचाव कर रही थी वहीं AAP ने आयोग पर सवाल उठाए थे. आखिरकार रविवार शाम आंकड़े जारी होने के बाद विवाद पर विराम लग गया.

Delhi election 2020: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (फाइल फोटो- PTI) Delhi election 2020: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (फाइल फोटो- PTI)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 10 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

  • पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने आरोपों को नकारा
  • रावत बोले- कई चरणों से गुजरती है प्रक्रिया
  • AAP ने चुनाव आयोग पर उठाए थे सवाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में फाइलन वोटिंग प्रतिशत जारी करने में चुनाव आयोग को 24 घंटे का वक्त लग गया जिसपर राजधानी की सियायत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा. रविवार शाम आयोग की ओर से मतदान प्रतिशत जारी किया गया जिसके मुताबिक दिल्ली में कुल 62.59 फीसदी मतदान हुआ है. लेकिन क्या फाइलन वोटिंग प्रतिशत आने में इतना वक्त लगना आम बात है या फिर वाकई आयोग की ओर से वाकई में किसी तरह की देरी की गई थी. इस सवाल का जवाब पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने दिया है.

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कई चरणों में पूरी प्रक्रिया

ओपी रावत ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि वोटिंग का फाइनल फिगर आने में इतना ही वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल किसी भी मौके को दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. वोटिंग की प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए पूर्व आयुक्त रावत ने कहा कि मतदान के अगले दिन ऑब्जर्वर सारे रिटर्निंग ऑफिसर के कागजों की जांच कर लेते हैं जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है. इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट जमा करते हैं, जो चुनाव आयोग के पास भेजी जाती है.

ये भी पढें: दिल्ली चुनाव में 62.59% मतदान, EC ने कहा- रात तक चली वोटिंग, इसलिए हुई देरी

रावत ने कहा कि विधानसभा सीटें चाहे 70 का हों या फिर 500 सभी के लिए एक ही तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है. उन्होंन बताया कि मतदान के दिन जो वोटिंग प्रतिशत आता है वह अंतिम नहीं होता सिर्फ अनुमान पर आधारिक रहता है और फाइनल फिगर के आस-पास ही रहता है. रावत ने कहा कि मतदान के अगले दिन, जनरल ऑब्जर्वर के कागजों की जांच और सारे प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के सामने जांच के बाद जो आंकड़े आते है वह अंतिम होते हैं.

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देरी के सवाल पर ओपी रावत ने साफ तौर कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में कई चरण होते हैं और इसमें अधिकतम 24 घंटे का वक्त लगता ही है. उन्होंने कहा कि वोटिंग के बाद यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

ये भी पढ़ें: वोटिंग पर्सेंट पर AAP ने मचाया हल्ला, EC बोला जल्द करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस

AAP ने लगाए थे आरोप

दिल्ली में बीते दिन वोटिंग प्रतिशत जारी करने में देरी का आरोप लगाते हुए सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर हल्ला बोल दिया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जारी होने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए और कहा था कि चुनाव आयोग क्या कर रहा है? मतदान के कई घंटे बाद भी वे मतदान के आंकड़े जारी क्यों नहीं किए जा रहे हैं?

वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा था. सिसोदिया ने कहा, 'बीजेपी के नेता मतदान के आंकड़े दे रहे हैं. उधर चुनाव आयोग मतदान ख़त्म होने के 24 घंटे के बाद तक नहीं बता पाया है कि वोटिंग कितने प्रतिशत हुई है.

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