
दिल्ली के स्टार प्रचारकों में पीके नहीं!
जनता दल (यू) और भारतीय जनता पार्टी इस बार एक साथ दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी की ओर से अपनी सहयोगी पार्टी के लिए दो सीटें छोड़ी गई हैं. इसी के साथ ही मंगलवार को आई पार्टी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कुछ चौंकाने वाले नाम रहे. पार्टी के लिए रणनीति बनाने वाले और नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जाने वाले प्रशांत किशोर का नाम इस लिस्ट में नहीं था. पार्टी की ओर से 20 स्टार प्रचारकों का नाम जारी किया गया है, जिसमें नीतीश कुमार के अलावा केसी त्यागी, ललन सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेताओं का नाम शामिल है.
सिर्फ प्रशांत किशोर ही नहीं बल्कि पार्टी के प्रवक्ता पवन वर्मा का भी नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं है. बता दें कि पवन वर्मा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और अक्सर टीवी डिबेट में खुलकर पार्टी का पक्ष रखते हैं. गौरतलब है कि पीके और पवन वर्मा ही वो नेता हैं जिन्होंने बीते दिनों खुलकर नागरिकता संशोधन एक्ट का विरोध किया था और पार्टी के फैसले पर ही सवाल खड़े किए थे.
CAA के खिलाफ खुलकर बुलंद की आवाज
प्रशांत किशोर ने लगातार ट्वीट कर CAA के खिलाफ हल्ला बोला था और पार्टी के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. जदयू ने राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल के समर्थन में मतदान किया था, लेकिन पीके ने पार्टी के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए थे. पीके की ओर से विचारधारा का मुद्दा उठाया गया था और अन्य पार्टियों से भी इस कानून का विरोध करने की अपील की गई थी. पीके के बाद पवन वर्मा ने भी ट्विटर के जरिए इस कानून के खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी.
...या कुछ और है वजह?
बता दें कि प्रशांत किशोर इससे पहले अलग-अलग हिस्सों में पार्टी के लिए प्रचार करते आए हैं. हाल ही में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में JDU ने बीजेपी से अलग चुनाव लड़ा था, तब पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रशांत किशोर का नाम दूसरे नंबर पर था यानी ठीक नीतीश कुमार के बाद. लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है.
दरअसल, प्रशांत किशोर जनता दल यूनियन के उपाध्यक्ष होने के अलावा एक राजनीतिक रणनीतिकार भी हैं. उनकी संस्था I-PAC इन दिनों दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का चुनावी कैंपेन संभाल रही है यानी टीम पीके पूरी कोशिश कर रही है कि दिल्ली चुनाव में AAP की जीत हो. ऐसे में एक कारण ये भी हो सकता है कि प्रशांत किशोर सीधे तौर पर दिल्ली के दंगल में नहीं उतरना चाहते हैं. अरविंद केजरीवाल का ‘लगे रहो केजरीवाल’ भी टीम पीके के द्वारा दिया गया नारा ही है.