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Delhi elections 2020: मॉडल टाउन सीट जहां AAP ने रोका कांग्रेस की जीत का सफर

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के अखिलेश पति त्रिपाठी ने जीत हासिल कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विवेक गर्ग को 16,706 मतों के अंतर से हराया था. जबकि 690 वोट नोटा के रूप में पड़े.

Delhi elections 2020: AAP ने कांग्रेस से छीन ली मॉडल टाउन सीट (फाइल-REUTERS) Delhi elections 2020: AAP ने कांग्रेस से छीन ली मॉडल टाउन सीट (फाइल-REUTERS)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

  • 22 साल में एक बार भी नहीं जीत सकी बीजेपी
  • कांग्रेस के करण सिंह लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक

मॉडल टाउन विधानसभा सीट 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा (Delhi Elections 2020) सीटों में से एक है और यह क्षेत्र चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. उत्तरी दिल्ली के तहत पड़ने वाला मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र एक समय कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) के आने के बाद इस नई नवेली पार्टी ने कांग्रेस के प्रभुत्व को लगभग खत्म कर दिया. वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट भी दिल्ली के उन अभेद्य किले की तरह है जिसे वह पिछले 22 सालों में भेद नहीं सकी है.

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2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र में 1,53,667 वोटर्स थे जिसमें 85,189 पुरुष और 68,475 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 3 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.

2015 में जीते AAP के अखिलेश

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के अखिलेश पति त्रिपाठी ने जीत हासिल कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विवेक गर्ग को 16,706 मतों के अंतर से हराया था.

अखिलेश पति त्रिपाठी को 54,628 तो विवेक गर्ग को 37,922 मत मिले. तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस के करण सिंह को 8,992 वोट हासिल हुए. जबकि 690 वोट नोटा के रूप में पड़े. पिछले चुनाव में 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.

1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां मॉडल टाउन से जीत का आगाज किया था, लेकिन उसके बाद से उसे इस सीट से फिर कभी जीत नसीब नहीं हुई. 1993 में बीजेपी के छत्री लाल गोयल ने जीत हासिल की थी.

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कांग्रेस के करण सिंह की हैट्रिक

1998 से लेकर 2008 तक लगातार 3 चुनाव में कांग्रेस के कंवर करण सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए सीट पर 15 साल तक कब्जा जमाए रखा. कांग्रेस की बादशाहत 2013 में खत्म हुई और आम आदमी पार्टी ने जीत का आगाज किया. आम आदमी पार्टी के अखिलेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस से सीट छीनते हुए अपने नाम कर ली. 2015 में भी अखिलेश ने जीत हासिल की.

मॉडल टाउन विधानसभा की सबसे खास बात यह है कि 1993 में जीत हासिल करने वाली बीजेपी इसके बाद जीत तो नहीं सकी, लेकिन हर बार दूसरे नंबर पर बनी रही. 1998 से लेकर 2008 कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार को हराया तो 2013 और 2015 के चुनाव में जब आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की तब भी बीजेपी को ही हराया. इस तरह से पिछले 22 सालों से उसे अपनी पहली जीत का इंतजार है.

पिछले विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता अखिलेश पति त्रिपाठी की बात की जाए तो 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं और दिल्ली के युवा विधायकों में से एक हैं. 35 वर्षीय अखिलेश पति त्रिपाठी के पास 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार 1,88,118 रुपये की संपत्ति है. उनके खिलाफ एक आपराधिक केस दर्ज है.

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कब होगी मतगणना?

दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद की व्यवस्था हुआ करती थी. इस बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए सिर्फ एक चरण में मतदान होंगे और 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.

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