
वजीरपुर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा सीटों (Delhi Elections 2020) में से एक है और यह क्षेत्र उत्तरी दिल्ली जिले में पड़ता है. पिछले चुनाव में वजीरपुर विधानसभा पर 1,63,276 वोटर्स थे जिसमें से 91,281 वोटर्स पुरुष और 71,992 महिला वोटर्स थे. जबकि 17 वोटर्स थर्ड जेंडर के थे.
2015 के विधानसभा चुनाव में 1,63,276 वोटर्स में से 1,11,585 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इनमें से नोटा के पक्ष में 468 पड़े थे. इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
किसी पार्टी का बरकरार नहीं रहा कब्जा
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता ने जीत हासिल की थी. उन्होंने इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर मनोहर नागपाल को हराया था. आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता ने चुनाव में 61,208 मत हासिल किए जबकि बीजेपी के डॉक्टर मनोहर नागपाल को 39,164 वोट मिले और इस तरह से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने 22,044 मतों के अंतर से जीत हासिल की. कांग्रेस के हरि शंकर गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे और उनके खाते में 8,371 वोट आए.
यह ऐसी सीट रही है जो कभी भी किसी पार्टी के पक्ष में नहीं रही है. 1993 में पूर्ण विधानसभा का दर्जा पाने के बाद अब तक 6 चुनावों में किसी भी दल ने जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है. 1993 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के दीप चंद बंधु ने जीत हासिल की थी.
2003 में बीजेपी को मिली पहली जीत
1998 के चुनाव में भी दीप चंद बंधु ने यह चुनाव जीत कर कांग्रेस के जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाया, लेकिन 2003 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली. कांग्रेस की ओर से उतरे रतन चंद जैन को बीजेपी के मांगे राम गर्ग ने हराकर पार्टी के लिए यहां से जीत का खाता खोला.
हालांकि 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां पर वापसी की और अनिल भारद्वाज के जरिए बीजेपी के विधायक मांगे राम को हरा दिया. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से वापसी की और डॉक्टर मनोहर नागपाल ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण कुमार को हराकर अपनी दूसरी जीत हासिल की.
2013 के चुनाव में हारी AAP
लेकिन 2015 में वजीरपुर में जीत की कहानी फिर पलट गई और 2013 में चुनाव हारने वाली आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राजेश गुप्ता ने बीजेपी के मनोहर नागपाल को हरा दिया. इस तरह से कांग्रेस ने यहां से 3, बीजेपी ने 2 और आम आदमी पार्टी ने 1 जीत हासिल की है.
पिछले विधायक राजेश गुप्ता के बारे में बात की जाए तो 2015 के चुनाव में दाखिल किए गए उनके हलफनामे के अनुसार वह 12वीं पास हैं और उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है. हलफनामे के अनुसार 41 साल के राजेश गुप्ता के पास 16,52,676 रुपये की संपति है.
मतगणना कब होगी?
दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रिपरिषद हुआ करती थी. इस बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.