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दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की मांग के ड्राफ्ट का है पंजाब कनेक्शन

आम आदमी पार्टी सरकार मई के पहले हफ्ते में पूर्ण राज्य के दर्जे का ड्राफ्ट वेबसाइट पर रिलीज करने जा रही है. इस ड्राफ्ट को जनता के बीच कुछ सवालों के साथ पहुंचाया जाएगा और वो सवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिलाने के लिए जनता के समर्थन की एक पहल होगी.

दिल्ली को पूर्ण राज्य के ड्राफ्ट के बहाने केजरीवाल का पंजाब पर निशाना दिल्ली को पूर्ण राज्य के ड्राफ्ट के बहाने केजरीवाल का पंजाब पर निशाना
केशव कुमार/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए ड्राफ्ट तैयार होने की जानकारी ट्विटर पर दी राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया. पार्टी के 70 वादों में से एक वादा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना भी है. आपको बताते हैं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के पीछे सरकार का पंजाब कनेक्शन कैसे है?

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मई में वेबसाइट पर जारी होगा ड्राफ्ट
आम आदमी पार्टी सरकार मई के पहले हफ्ते में पूर्ण राज्य के दर्जे का ड्राफ्ट वेबसाइट पर रिलीज करने जा रही है. इस ड्राफ्ट को जनता के बीच कुछ सवालों के साथ पहुंचाया जाएगा और वो सवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिलाने के लिए जनता के समर्थन की एक पहल होगी. ऐसा करते ही केजरीवाल सरकार पंजाब चुनाव के उस आधार को तैयार कर लेगी जो चुनाव के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

दिल्ली में पुलिस अधिकार में बंटवारे की मांग
आप सरकार हमेशा से दिल्ली पुलिस को अपने अधिकार क्षेत्र में लाने की मांग करते आई है. केजरीवाल सरकार ने इसका हल अपने ड्राफ्ट में कुछ इस तरह निकाला है. सरकार चाहती है कि लुटियन दिल्ली और नई दिल्ली नगर निगम इलाके में दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन काम करे और बाकि इलाकों में सिर्फ आम आदमी पार्टी सरकार का हक हो. जहिर है कि हाई अलर्ट पर रहने वाली देश की राजधानी होने और VVIP का गढ़ होने के नाते दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है.

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डीडीए पर कब्जा पाना भी है बड़ी योजना
इसके अलावा सरकार की सबसे बड़ी इच्छा है डीडीए पर अधिकार पाना. इसमें जमीन का मुद्दा सबसे बड़ा है, क्योंकि दिल्ली सरकार के कई बड़े फैसले जमीन की कमी की वजह से पूरे नहीं हो पा रहे हैं. अब चाहे मिलेनियम डिपो बनाना हो जहां सरकार हजारों बसों के लाने का सपना देख रही है या फिर 500 स्कूल निर्माण हो या नए अस्पताल बनाने की योजना.

एक महीने तक होगी बिल पर रायशुमारी
जनता के बीच ड्राफ्ट को लेकर जमकर रायशुमारी की जाएगी. एक महीने तक मेल, चिट्ठी और विधायकों के जरिए सुझाव इकट्ठे किए जाएंगे. इसके बाद एक पैनल इन्हें सुझावों को स्कैन करेगा. साल के आखिरी महीने तक कैबिनेट में बिल पास करने के बाद इसे विधानसभा में ले जाने की पूरी तैयारी कर ली जाएगी.

दिल्ली को पूर्ण राज्य का कोई खुला विरोध नहीं
बीजेपी और कांग्रेस कभी खुलकर दिल्ली को पूर्ण राज्य दिलाने वाले इस ड्राफ्ट का विरोध नहीं करते नजर आएगी. क्योंकि कभी चुनावी एजेंडे में राजनैतिक पार्टियां इस वादे को पूरा करने का दावा करती थी. असली परीक्षा उपराज्यपाल नजीब जंग के सामने होगी जिनसे केजरीवाल सरकार का झगड़ा छुपा नहीं है. पिछले कई बिलों की तरह अगर संविधान को नजरअंदाज करके बिल उपराज्यपाल को भेजा जाता है तो जाहिर है वह सीधे इस बिल को गृहमंत्रालय भेज देंगे जहां पहले ही विधानसभा से पास कई बिल अटके हुए हैं. इस वजह से मोदी सरकार आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निशाने पर हैं.

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प्रचार में आप के हाथ बंधे होने का हवाला
असली खेल तब शुरू होगा जब साल 2016 के अंत तक पंजाब चुनाव का प्रचार तेजी पकड़ चुका होगा. आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव जीतने के लिए इसलिए भी बैचैन है क्योंकि पंजाब में मुख्यमंत्री के पास स्वतंत्र अधिकार होता है जो दिल्ली यानी देश की राजधानी में नहीं है. दिल्ली में अधिकार के मामले में आम आदमी पार्टी के हाथ बंधे हुए हैं, लेकिन पंजाब चुनाव जीतकर पार्टी ये हाथ खोल देना चाहती है.

पंजाब में दिल्ली को मॉडल राज्य बनाने का प्रचार
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी को पंजाब में ऐसा कैंपेन चलाने का मौका मिल जाएगा जहां वो यह कह सके कि हमारी पार्टी दिल्ली को मॉडल बनाना चाहती है, लेकिन पूरे अधिकार न होने की वजह से ये संभव नहीं हो पा रहा. फिर इस तर्ज पर पंजाब में वोट मांगने का सिलसिला शुरू होगा. दिलचस्प बात यह है कि मोदी सरकार को घेरते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का पंजाब कनेक्शन ढूंढ लिया है.

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