
दिल दहला देने वाले दिल्ली गैंगरेप मामले का नाबालिग दोषी पेंटिंग और कुंकिंग का शौक रखता है. इसके अलावा उसने सुधार केंद्र में रहते हुए सिलाई का काम भी सीखा है. गैंगरेप में शामिल ये दोषी 22 दिसंबर को रिहा हो रहा है.
सुधार केंद्र में सीखी पेंटिंग और कुकिंग
निर्भयाकांड के नाबालिग दोषी ने सुधार केंद्र में रहते हुए तीन साल तक कई हुनर सीखे हैं. यह दोषी पढ़ा लिखा नहीं है. लेकिन अब उसने अपना नाम लिखना सीख लिया है. उसे पेंटिंग करने का खास शौक है. इसके अलावा उसने कुकिंग और टेलरिंग का काम भी सीख लिया है. उसने सुधार केंद्र में रहते हुए सबसे ज्यादा वक्त पेंटिंग करने और कुकिंग करने में बिताया है.
सुरक्षा को लेकर परेशान है पुलिस
पुलिस अब इस नाबालिग गुनाहगार की सुरक्षा को लेकर परेशान है. घटना के बाद लोगों के गुस्से को देखते हुए एजेंसियों को समझ नहीं आ रहा है कि उसे कैसे फुल प्रूफ सुरक्षा दी जाए. इसी महीने अपनी सजा पूरी करने वाले इस नाबालिग की सुरक्षा के मद्दे नज़र मजनू का टीला स्थित सुधार केंद्र के दोनों गेट पर ताला जड़ दिया गया है. सरकारी वाहनों को भी अंदर आने की इज़ाज़त नहीं है. आने जाने के लिए केवल एक छोटा गेट ही इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ-साथ प्राइवेट सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए गए हैं.
जुवेनाइल जस्टिस कमेटी लेगी फैसला
आमतौर पर सजा पूरी होने के बाद नाबालिगों को उसके मां बाप के हवाले किया जाता है. लेकिन अभी इस नाबालिग की सुपुर्दगी को लेकर फैसला होना बाकी है. उसके परिवार में एक छोटे भाई बहन के अलावा दिमागी रूप से अस्वस्थ पिता और मां है. ऐसे में उसे केवल अपनी मां का ही सहारा है. सूत्रों के मुताबिक उसकी सुपुर्दगी को लेकर सुधार केंद्र जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से राय ले सकता है.