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डोर स्टेप डिलिवरी स्कीम को केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी, पहले LG ने लटका रखी थी फाइल

केजरीवाल ने अपने आदेश में इस योजना पर उठाए गए उपराज्यपाल की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा था दिल्ली में चुनी हुई सरकार लेगी फैसला और उपराज्यपाल कैबिनेट के फैसले से बाध्य होंगे.  उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस योजना पर सवाल उठाए थे.

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया
वरुण शैलेश/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपना पहला आदेश जारी किया.  उन्होंने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को राशन की होम डिलीवरी संबंधित योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मंजूरी दे दी. साथ ही इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश भी जारी कर दिया. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इससे संबंधित फाइल को रोक रखी थी.

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केजरीवाल ने अपने आदेश में इस योजना पर उठाए गए उपराज्यपाल बैजल के सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था दिल्ली में चुनी हुई सरकार फैसला लेगी और उपराज्यपाल कैबिनेट के फैसले से बाध्य होंगे. बता दें कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस योजना पर सवाल उठाए थे.

बैजल को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब किसी भी मामले में एलजी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को उच्चतम न्यायालय का आदेश अक्षरश: लागू कराने की दिशा में काम करने की जरूरत है.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही राज्य को चलाने के लिए जिम्मेदार है. फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर खुशी जता दी है, उन्होंने कहा है कि दिल्ली में लोकतंत्र की जीत हुई है. आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की मोदी सरकार एलजी के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ा रही है और राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रही है. 

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