
दिल्ली में सीलिंग को लेकर व्यापारियों की मुश्किलों का सिलसिला जारी है. इस बीच दिल्ली सरकार ने 351 सड़कों को सीलिंग से बचाने के लिए मिक्स लैंड यूज़ के नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सीलिंग के मसले पर दो नए वकील भी नियुक्त किए हैं.
शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि 351 सड़कों के मामले को सुप्रीम कोर्ट में रख दिया है. विपक्ष की मांग पर दिल्ली सरकार ने दो बड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए हैं. जैन ने कहा, 'पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट सरकारी अधिसूचना को मंजूरी दे देगी. कांग्रेस और बीजेपी की मांग पर दिल्ली सरकार ने अपने वकील भी बदले हैं. अब पराग त्रिपाठी और अरविंद दत्तर दिल्ली सरकार के वकील होंगे.'
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि सीलिंग के मसले के लिए वह हरीश साल्वे जैसे बड़े वकील को नियुक्त करे. हालांकि सीलिंग को लापरवाही बरतने के लिए सुप्रीम कोर्ट की फटकार और जुर्माने के सवाल को सत्येंद्र जैन ने जानकरी न होने का हवाला देते हुए टाल दिया.
सत्येन्द्र जैन के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय से जल्द ही सरकार की अधिसूचना को मंजूरी मिल जाएगी. फिलहाल, सीलिंग के तहत कार्रवाई 351 सड़कों को छोड़कर हो रही है. यह कार्रवाई बिना कनवर्जन शुल्क दिए आवासीय क्षेत्रों का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की वजह से की जा रही है.
सीलिंग की शुरुआत से ही केजरीवाल सरकार 351 सड़कों को नोटिफाई करने के मामले में विपक्ष के निशाने पर रही है. विपक्षी पार्टियां सरकार की ओर से मजबूती से अपना पक्ष अदालतों में नहीं रखने का आरोप भी लगाती रही हैं. वहीं सरकार 4 महीने की देरी के साथ ही सही राहत देने की कोशिश करती दिखाई दे रही है, लेकिन सरकार के प्रयासों पर व्यापारियों को राहत तभी मिल सकेगी जब सुप्रीम कोर्ट से अधिसूचना को हरी झंडी मिले.