
डेंगू चिकनगुनिया को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों एमसीडी के कमिश्नरों को कोर्ट की अवमामना का नोटिस जारी किया और सभी को 21 जून को पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि हमारे बार-बार कहने के बाद भी डेंगू चिकनगुनिया को रोकने की तैयारियां नहीं की गई और लापरवाही की गई.
दिल्ली के सभी एमसीडी के वकीलों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपके कोर्ट में दिए गए जूठे हलफनामों पर क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला शुरू करें. फिलहाल कोर्ट ने सभी पक्षों को सख्त आदेश देते हुए कहा कि मानसून की तैयारियों को लेकर सभी पक्ष अपनी तैयारियों में तेजी लाएं. कोर्ट ने सफाई कर्मचारियों की रुकी हुई तनख्वाह और सफाई के दौरान मिलने वाले सामान के एमसीडी से मुहैया न होने पर भी नाराजगी जाहिर की है.
इससे पहले पिछली सुनवाई में डेगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए बनाया गया प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Programme) के डायरेक्टर जनरल पीके सेन को दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह में एक ऐसा व्यापक कार्यक्रम बनाने का निर्देश दिया जिसे सभी एजेसियां डेगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को खत्म करने के लिए लागू कर सकें. हाईकोर्ट स्वत संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. हाई कोर्ट पिछले एक महीने में करीब आधा दर्जन से ज्य़ादा बार सुनवाई कर चुका है, लेकिन दिल्ली सरकार और सिविक एजेसियों की तैय़ारियों से अभी भी नाखुश है.
21 जून को होगी मामले की सुनवाई
ड्यूटी पर तैनात जो लोग अपने काम में लापरवाही करते हैं. जिससे मच्छर पैदा होते हैं, उनके खिलाफ किस तरह की धाराओं में केस दर्ज करके मामला चलाया जा सकता है. इसके अलावा सरकार और एमसीडी को भी
कोर्ट ने एक ऐसी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा है जिसमें ये साफ हो कि किस कर्मचारी ने किस घर में फोंगिग की और अगर उस घर में मच्छरों से कोई बीमार होता है तो उस कर्मचारी के खिलाफ कारवाई की जा सके.
कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 21 जून को करेगा.