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दिल्ली में अब सरकार के तय किए किराए पर चलेंगी Ola, Uber जैसी रेडियो टैक्सियां

कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि 22 अगस्त के बाद निर्धारित किराए से अधि‍क लेना गैरकानूनी होगा. हाई कोर्ट ने ओला और उबर से कहा की वो दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशेन के हिसाब से ही यात्रियों से पैसा ले. इसे अमल में लाने के लिए 21 अगस्त तक का वक्त दिया गया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए निर्देश दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए निर्देश
स्‍वपनल सोनल/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेडियो टैक्सी से सफर करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. ओला और उबर जैसी रेडियो टैक्सी कंपनियां अब यात्रियों से दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित किए गए किराए से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सरकार के निर्धारित किराए पर अमल करने के लिए टैक्सी कंपिनयों को 10 दिन का वक्त दिया है.

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कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि 22 अगस्त के बाद निर्धारित किराए से अधि‍क लेना गैरकानूनी होगा. हाई कोर्ट ने ओला और उबर से कहा की वो दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशेन के हिसाब से ही यात्रियों से पैसा ले. इसे अमल में लाने के लिए 21 अगस्त तक का वक्त दिया गया है.

तीन महीने में देशभर के लिए स्कीम बनाने के निर्देश
हाई कोर्ट ने इसके साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को तीन माह में देशभर के लिए मॉडल स्कीम लाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने आईटी विभाग के सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव स्तर के अधिकारी और दिल्ली पुलिस के उपायुक्त को पैनल में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यह पैनल सुरक्षा और पर्यावरण के मद्देनजर पॉलिसी लाए.

पॉलिसी बनाने में इनकी ली जाएगी मदद
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी 3 महीने में एक पॉलिसी बनाने को कहा है, जिसमें ये तय किया जाए कि दिल्ली-एनसीआर में टैक्सी किन दिशा-निर्देश पर चलनी चाहिए. कोर्ट ने केंद्र को इस पॉलिसी निर्माण की प्रक्रिया में पुलिस, पर्यावरणविद, दिल्ली सरकार, टैक्सी कंपनियों समेत तमाम उन विभागों और लोगों को शामिल करने को कहा है, जो अनुभव, सुझाव या विचार से टैक्सी को नियमों के हिसाब से चलाने मे मददगार साबित हो सकते हैं.

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कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में टैक्सी सेवा को सुधारने के लिए एक मजबूत पॉलिसी का होना बेहद जरूरी है. लेकिन फिलहाल लचर नियमों के कारण न सिर्फ यात्रियों को दिक्कत होती है, बल्कि प्रदूषण समेत कई और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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