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जाने-माने पर्यावरणविद और नोबेल पुरस्कार विजेता आरके पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. पुलिस ने पचौरी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है, इसके तुरंत बाद पचौरी ने हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की. कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की नसीहत देते हुए 23 फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. पचौरी अभी 'द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी)' में डीजी हैं.
75 वर्षीय वैज्ञानिक राजेंद्र कुमार पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला भी टेरी में ही एग्जक्यूटिव हैं. पचौरी पर एसएमएस और ईमेल पर आपत्तिजनक बातें लिखने का आरोप है. कोर्ट ने उनसे कहा कि जब भी पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहे तो उन्हें इसमें सहयोग देना होगा. पचौरी की ओर से उनके वकील पवन दुग्गल ने अदालत को बताया गया पुलिस ने बुधवार को उन्हें अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन जमा करने को कहा था. पचौरी ने ये सब गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस को सौंप दिए.
'क्लाइमेट चेंज' के मुद्दे पर अपने काम के लिए पचौरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद हैं.
दुग्गल ने कहा है कि मामला कोर्ट में हैं, अभी वो कुछ कह नहीं सकते. पचौरी ने कोर्ट को बताया कि उन्हें तो एफआईआर के बारे में भी अखबार से जानकारी मिली. शिकायतकर्ता की ओर से वकील प्रशांत मेहंदीरत्ता और जितेन मेहरा ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर उनकी क्लाइंट को पचौरी की अंतरिम जमानत याचिका के बारे में जानकारी नहीं दी.