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दिल्ली हाई कोर्ट ने तीन तलाक को लेकर लगाई गई याचिका को किया ख़ारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को लेकर लगाई गई याचिका को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि महिला हिन्दू हो या मुस्लिम, देश में सबके बराबर के अधिकार हैं और ट्रिपल तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट 8 मई को सुनवाई कर ही रहा है, लेकिन हाईकोर्ट में इसमें सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है.

तीन तलाक से मुस्लिम महिलाएं परेशान तीन तलाक से मुस्लिम महिलाएं परेशान
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को लेकर लगाई गई याचिका को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि महिला हिन्दू हो या मुस्लिम, देश में सबके बराबर के अधिकार हैं और ट्रिपल तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट 8 मई को सुनवाई कर ही रहा है, लेकिन हाईकोर्ट में इसमें सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है.

साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि इस जनहित याचिका में हमें कोई पब्लिक इंटरेस्ट नजर नहीं आ रहा है और इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट पहले ही सुन रहा है, लिहाज़ा हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहते और इसे खारिज कर रहे हैं.

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ट्रिपल तलाक को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक अलग तरह की याचिका दाखिल की गई थी. ये याचिका हिन्दू लड़की की मुस्लिम लड़के से शादी के मसले को लेकर दायर की गई. याचिका में कहा गया है कि हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के के बीच निकाह होने के बाद मुस्लिम पति को ट्रिपल तलाक का हक न दिया जाए. याचिका मे इस मांग के कई गंभीर कारण भी बताये गए.

याचिका में दावा किया गया कि हिन्दू लड़की जब किसी मुस्लिम से शादी करती है तो जो निकाहनामा बनाया जाता है वो उर्दू में होता है और लड़की को ट्रिपल तलाक और मुस्लिम लड़के के बहुविवाह के बारे में जानकारी ही नहीं दी जाती है.

याचिकाकर्ता ने याचिका में कई उदाहरण भी दिए और दावा किया कि कई हिन्दू लड़कियों ने उन्हें इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद संपर्क किया है. पीड़ित लड़कियों का कहना है कि उन पर मुस्लिम लड़कों से शादी करके ट्रिपल तलाक का खतरा बना हुआ है और कई का तलाक हो चुका है जिसके बाद वो न तो मुस्लिम पति के घर रह पा रही है और न ही मुस्लिम से शादी करने के बाद वो अपने मायके लौट पा रही हैं.

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याचिका में गुहार लगाई गई थी कि इंटरकास्ट मैरिज के मामले में अगर लड़की हिन्दू है तो ऐसी हालत मे ट्रिपल तलाक और मुस्लिम पति के बहुविवाह को गलत ठहराया जाए. साथ ही इंटरकास्ट मैरिज के मामले में शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जाए.

याचिका मे कहा गया है कि ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं ने यू तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई हुई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सामने केवल मुस्लिम महिलाओं का मामला है. लिहाजा हिन्दू महिलाएं भी ट्रिपल तलाक से प्रभावित हैं. उनको लेकर कोई याचिका अब तक न ही लगाई गई है और न ही सुनी गई है.

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