
राजधानी दिल्ली में गैर कानूनी रूप से चल रहे ई रिक्शा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. दरअसल 2014 में कोर्ट में कुछ निर्देशों के साथ दिल्ली में ई रिक्शा को चलाने की इजाजत दी थी. लेकिन निर्देशों का पालन न होने पर कोर्ट की अवहेलना को लेकर एक और नई याचिका लगाई गई.
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ई रिक्शा राजधानी की बाकी की सड़कों पर कैसे चल रहे हैं. जिन पर चलने की इजाजत सरकार से मिली ही नहीं है. दरअसल दिल्ली में ई रिक्शा को चलाने की इजाजत कुछ शर्तों के साथ दी गई थी, जिसमें पहली शर्त यह थी कि PWD की 236 रोड पर ई रिक्शा को नहीं चलाया जाएगा. क्योंकि यहां पर वाहनों की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है, जबकि ई रिक्शा को 25 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार पर चलने की इजाजत नहीं है.
इसीलिए ई-रिक्शा को सिर्फ उन सड़कों पर चलने की इजाजत मिली जो एमसीडी रोड है. लेकिन ई रिक्शा अभी भी धड़ल्ले से PWD की सड़कों पर चल रहे हैं, जिसके चलते ट्रैफिक जाम की समस्या दिल्ली में आम हो गई. दिल्ली में इस वक्त दो लाख से ज्यादा ई रिक्शा हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन सिर्फ 50,000 का ही है.
हाईकोर्ट चाहता है कि इन ड़ेढ लाख ई-रिक्शा का या तो चालान किया जाए या फिर इनको नियमित किया जाए और साथ ही इनकों सिर्फ उन्हीं रोड पर चलने की इजाजत दी जाए जो एमसीडी की हैं.
इसके अलावा ई-रिक्शा चलाने वाले ड्राइवर्स अक्सर ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए नजर आते हैं. तय हुई सीमा से ज्यादा सवारियों को इस में बिठाया जाता है. जिससे अक्सर कई बार दुर्घटनाएं देखने को मिली हैं. हाईकोर्ट ने खासतौर से ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए हैं कि नियमों का पालन न करने वाले ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.