
आपराधिक मानहानि के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हाई-प्रोफाइल लोगों की पेशी से कोर्टरूम में परेशानी पैदा होती है. हाईकोर्ट ने कहा कि यह समझा जा सकता है कि विशेष तारीख पर केजरीवाल की पेशी जरूरी हो, लेकिन हर तारीख पर उनका पेश होना जरूरी नहीं है.
कोर्ट ने ये मौखिक टिप्पणी केजरीवाल की तरफ से दायर एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए की है. इस अर्जी में केजरीवाल ने कहा था कि उनको निचली अदालत में पेशी से स्थाई तौर पर छूट दी जाए. यह मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल ने दायर किया था. जिसमें केजरीवाल और उनकी पार्टी के कुछ नेताओ पर मानहानि करने का आरोप लगाया गया है.
कोर्ट ने केजरीवाल को 17 सितंबर को निचली अदालत में होने वाली सुनवाई पर पेशी से छूट दे दी है. हालांकि यह साफ कर दिया है कि निचली अदालत केजरीवाल को विशेष तौर पर पेश होने का निर्देश देती है तो उनको पेश होना होगा. साथ ही यह भी कहा है कि केजरीवाल के पेश न होने पर निचली कोर्ट में विचाराधीन मामले की सुनवाई न टाली जाए. कोर्ट ने इस मामले में अमित सिब्बल से छह दिसंबर तक जवाब मांगा है. पटियाला कोर्ट ने 24 जुलाई 2014 को अमित सिब्बल की तरफ से दायर केस पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण व शाजिया इल्मी को समन जारी किया था.