
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को ट्रायल के तौर पर एक प्राइवेट कंपनी के उस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है, जो लापता बच्चों के चेहरे की पहचान करने के लिए इस्तेमाल होगा. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बच्चों के चेहरे पहचानने में मदद करने वाले इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल 20 फरवरी से करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं, केंद्र सरकार ने अभी तक इस तरह के सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को लेकर अपनी सहमति नहीं जताई है. केंद्र सरकार का कहना है कि उसे कुछ और वक्त चाहिए, ताकि यह तय किया जा सके कि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कितना ठीक रहेगा?
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जिसमें तेजी से गायब हो रहे बच्चों को पुलिस के न ढूंढ पाने को लेकर कई सवाल खड़े कर किए गए थे. दिल्ली हाईकोर्ट इसी याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
20 फरवरी से शुरू होने वाले इस ट्रायल से यह तय होगा कि क्या यह सॉफ्टवेयर लापता बच्चों के चेहरों को पहचानने और उनको ढूंढ़ने में पुलिस के लिए कितना मददगार होगा? अगर यह प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सफल रहा, तो बाकी प्रदेशों की पुलिस के लिए भी इसे इस्तेमाल करके लापता बच्चों तक पहुंचना आसान हो जाएगा.