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जनता के पैसे से जेठमलानी को फीस देने के मसले पर दायर याचिका HC ने ठुकराई

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल-जेटली मानहानि केस से जुड़ी हुई उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें वकील राम जेठमलानी की फीस सरकारी खजाने से ना दिए जाने की अपील थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

अरुण जेटली-केजरीवाल अरुण जेटली-केजरीवाल
लव रघुवंशी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल-जेटली मानहानि केस से जुड़ी हुई उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें वकील राम जेठमलानी की फीस सरकारी खजाने से ना दिए जाने की अपील थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

एक पत्र के मीडिया मे आने के बाद पता चला था कि केजरीवाल सरकार करीब 4 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से जेठमलानी को देने वाली थी.

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दरअसल दिल्ली सरकार का एलजी को लिखा वह खत बीजेपी ने सार्वजनिक किया था, जिसमें 3.86 करोड़ रुपये के कानूनी खर्च के बिल का भुगतान कराने को कहा गया है. वित्तमंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है. केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी इस केस में पैरवी कर रहे हैं.

जेटली का आरोप है कि केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी ने डीडीसीए मामले में गलत आरोप उनपर लगाये हैं. जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है. जेटली ने 13 वर्षों तक दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का नेतृत्व किया था. दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने जेटली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

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