
हाई कोर्ट ने ब्रिटानिया इंडस्ट्री लि. कंपनी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. ब्रिटानिया ने अपने न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्किट के पैकिंग स्टाइल पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि वह मामले में विचार कर अपना फैसला देगी.
पैकिंग पर बैन से हो रहा नुकसान
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी याचिका में कहा है कि न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्किट की पैकिंग पर लगाई गई रोक के कारण उनको व्यवसायिक हानि हो रही है और उनके व्यवसाय में कमी आई है. उनके खिलाफ यह रोक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने लगाई है.
अतरिंम राहत देने से इनकार
ब्रिटानिया ने हाई कोर्ट के 6 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कंपनी से कहा था कि वह अपने न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्किट के लिए इस्तेमाल की जा रही पैकिंग पर रोक लगाए क्योंकि उनकी पैकिंग आईटीसी के सनफिस्ट बिस्किट से मिलती है. इस मामले में अब 15 सितंबर को सुनवाई होगी, हालांकि याचिकाकर्ता ने अगली सुनवाई तक उन्हें अंतरिम राहत देने की मांग की. ऐसे में अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह अगली सुनवाई पर मामले का ही निपटारा कर देगी.
आईटीसी के बिस्किट की पैकिंग से खाती है मेल
इससे पहले कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ब्रिटानिया मौजूद स्टॉक को अगले चार हफ्ते में खत्म करे. कोर्ट ने ये आदेश ब्रिटानिया की प्रतिद्वंदी कंपनी आइटीसी लि. की याचिका पर दिया था. याचिकाकर्ता का आरोप था कि न्यूट्री च्वाइस की पैकिंग हूबहू उसके सनफिस्ट फार्मलाइट डाइजेस्टिव बिस्किट की तरह है, जो सही नहीं है. आइटीसी ने ये बिस्किट जुलाई 2016 में लॉन्च किया था. दोनों बिस्किट नीले व पीले रंग की पैकिंग में बेचे जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ब्रिटानिया आइटीसी से अलग कोई भी पैकिंग अपना सकती है. एक जैसी पैकिंग ग्राहकों को भ्रमित करती है.