
ऑड-इवन फॉर्मूले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब सोमवार को फैसला सुना सकती है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि एक हफ्ते में राजधानी में प्रदूषण कितना कम हुआ. इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते का समय और मांगा है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि सात या 15 दिन काफी नहीं हैं. नतीजे देखने के लिए इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है.
गोपाल राय बोले- 15 के बाद देखेंगे आंकड़े
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह नियम 15 जनवरी तक लागू रहेगा. इसके बाद हम आंकड़े देखेंगे और आगे क्या किया जाना चाहिए, इसका फैसला करेंगे. ऑड-इवन कितना सफल रहा इसका पता इन आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ही चल पाएगा. सात दिन इसके लिए पर्याव्पत समय नहीं है.
कोर्ट का सवाल , सरकार का जवाब
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप वह डाटा बताइए जिससे ये साबित होता हो कि इस नियम से प्रदूषण कम हुआ है. आखिरकार, यह जनहित से जुड़ा मसला है. जवाब में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा होता है. स्टडी बताती है कि असर तो पड़ा है. पीक आवर्स में प्रदूषण घटा है.
15 के बाद भी जारी रखने की वकालत
हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि लोगों ने इस नियम का साथ दिया है. इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिली है. साल्वे ने अपनी बात के समर्थन में एन्वायर्नमेंट प्रोटेक्शन अथॉरिटी की रिपोर्ट भी पेश की. साथ ही कहा कि अमेरिका के भी कई शहरों में ऐसे ही उपाय किए जा रहे हैं. इस नियम को 15 जनवरी के बाद भी जारी रखा जा सकता है.