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दिल्ली HC ने कहा- राज्य तय करें कि फसल कटने के बाद उसे खेतों में नहीं जलाया जाए

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के बाहर के प्रदेशों से आने वाला प्रदूषण फिर दिल्ली को प्रदूषित करे, उससे पहले केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड को राज्यों के साथ मिलकर इसे रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए.

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि दीवाली के बाद फसल कटनी शुरू हो जाएगी और फिर उसे खेतों में जलाया जाएगा. ऐसे में राजधानी को प्रदूषण से बचाने के लिए राज्यों से बातकर इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाए.

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के बाहर के प्रदेशों से आने वाला प्रदूषण फिर दिल्ली को प्रदूषित करे, उससे पहले केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड को राज्यों के साथ मिलकर इसे रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए. हाई कोर्ट ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश से आने वाला प्रदूषण दिल्ली की आबो हवा पर असर डालता है.

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बोर्ड ने कहा- ये राज्य की जिम्मेदारी
हाई कोर्ट ने सवाल किया कि जब फसल को जलाना बैन है तो फिर किसान फसलों को क्यों जला रहे हैं? राज्य सरकारों से केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड क्यों सख्ती से इस आदेश का पालन नहीं करवा रहा है? इस पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने कहा कि ये जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है.

'अगली दफा उपाय लेकर आएं'
हाई कोर्ट ने कहा कि किसानों के लिए फसल को जलाना सबसे सस्ता और सरल उपाय है. सरकार क्यों उन्हें कोई और वैकल्पिक उपाय नहीं दे रही है. कोई सब्सिडी सरकार उन्हें दे सकती है या फिर उन पर जुर्माना लगाए, जिससे जिससे वो खेत में फसल न जलाए. हाई कोर्ट दिल्ली मे लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर सभी पक्षों से कोर्ट ये जवाब जानना चाहता है कि आखिर क्रॉप बर्निंग को कैसे रोका जा सकता है. 22 सितम्बर को कोर्ट मामले में दोबारा सुनवाई करेगी. कुछ दिन पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी फसलों को खेतों मे जलाने को लेकर बैन लगा चुका है. लेकिन उसके बाद भी दिल्ली से जुड़े राज्यों मे क्रॉप बर्निंग पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है.

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