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हाइकोर्ट का MCD से सवाल, सिंगापुर साफ हो सकता है तो दिल्ली क्यों नहीं?

कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि जो लोग कूड़े को लेकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर भारी जुर्माना लगाया जाए. नियमों को तोड़ने वालों का चालान कीजिए. हाईकोर्ट ने सफाई के लिए एमसीडी को विज्ञापन देकर, जगह-जगह होर्डिंग लगाकर लोगों को जागरूक करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
पूनम शर्मा/भारत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:45 AM IST

देश की राजधानी में जगह-जगह फैली गंदगी पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर एमसीडी को फटकार लगाई है. दिल्ली हाइकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने कहा कि सिंगापुर में सफाई को लेकर नियमों का अनुपाल बेहद सख्त है, जिसके चलते वहां काफी सफाई रहती है तो ऐसा दिल्ली में क्यों नहीं हो सकता.

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कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि जो लोग कूड़े को लेकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर भारी जुर्माना लगाया जाए. नियमों को तोड़ने वालों का चालान कीजिए. हाईकोर्ट ने सफाई के लिए एमसीडी को विज्ञापन देकर, जगह-जगह होर्डिंग लगाकर लोगों को जागरूक करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

सुनवाई के दौरान एनजीओ न्यायमित्र और याचिकाकर्ता ने कोर्ट में सीडी पेश की, जिसमें दिल्ली के भजनपुरा, मूयर विहार, गाजीपुर, प्रगति मैदान समेत कई जगहों पर गंदगी और कूड़े के ढेर के वीडियो थे. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा देश भर में साफ सफाई के लिए प्रति व्यक्ति 488 रुपये केंद्र सरकार राज्यों को देती है लेकिन दिल्ली को इतना पैसा नहीं मिलता.

राजधानी दिल्ली में प्रति व्यक्ति केवल 321 रुपये मिलता है और यह राशि 1991 से अब तक नहीं बढ़ी है. दिल्ली को जो पैसा केंद्र से मिलना था वह भी नहीं मिला है. इस कारण काम करने में भारी परेशानी हो रही है.

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