
दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू से लापता छात्र नजीब अहमद केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है. इस मामले की जांच अभी तक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही थी. लेकिन अभी तक नजीब के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है. नजीब के परिजनों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी.
जानकारी के मुताबिक, नजीब अहमद जेएनयू से लापता हुए करीब सात महीने बीत चुके हैं. इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया. इस पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.
नजीब की मां का कहना है कि आज के हाइकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें न्याय की कुछ उम्मीद बंधी है. क्राइम ब्रांच जांच करने की बजाय ये साबित करने मे लगी थी कि नजीब मानसिक रूप से ठीक नही था. क्राइम ब्रांच जिस फुर्ती से काम करने के लिए जानी जाती है, वैसा कुछ नजर ही नहीं आया.
बताते चलें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दोनों पक्षों के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि यदि जांच में पुलिस को कुछ खास नहीं मिल पा रहा है, तो वो पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है. यह मामला गंभीर है, इसलिए हर उस शख्स को खंगाला जाए जो मामले पर रोशनी डाल सकता है.
15 अक्टूबर, 2016 में नजीब लापता हुआ था. घटना वाली रात नजीब की किसी दूसरे गुट के साथ झगड़े की बात सामने आई थी. इसके बाद से कथित तौर पर नजीब ऑटो से कहीं जाने के लिए हॉस्टल से निकला था. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. हाइकोर्ट एक छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.