
दिल्ली के अनाज मंडी स्थित एक फैक्ट्री में लगी आग के मामले में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि जिस फैक्ट्री में आग लगी वो अवैध रूप से चल रही थी, ऐसे में उसे बंद करने या उस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की थी.
संजय सिंह ने कहा कि एमसीडी ने फैक्ट्री को चलने कैसे दिया. दिल्ली फायर सर्विस ने भी स्पष्ट किया है कि उनकी तरफ से फैक्ट्री को एनओसी जारी नहीं की गई थी.
दिल्ली सरकार ने रविवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के रानी झांसी रोड इलाके में एक कारखाने में बड़े पैमाने पर लगी आग में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा भी की है. सरकार ने घायलों को भी एक लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आग की घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा इस दुखद आग की घटना में हमने 40 निर्दोष जानों को खोया है. मैंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. दिल्ली के भीड़भाड़ से भरे बाजार में एक कारखाने में आग लगने से रविवार को कम से कम 43 लोग मारे गए और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए.
आग में मारे गए सभी लोग मजदूर थे और जब सुबह 4:50 बजे और 5 बजे के बीच
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस फैक्ट्री को तीन भाई मिलकर फैक्ट्री चलाते थे. भाइयों ने फैक्ट्री का आपस में बंटवारा किया था. इनमें से रिहान और उसका एक भाई फरार है. हालांकि पुलिस हिरासत में कौन सा भाई है, इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस फैक्ट्री की जिम्मेदारी किस भाई को मिली थी.
(ANI और IANS इनपुट के साथ)