
एमसीडी चुनाव के ऐन पहले दिल्ली बीजेपी ने अपने मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का फैसला किया है. पार्षदों की आपात बैठक बुलाई गई और इस बैठक में पार्षदों को उनका टिकट काटे जाने का फरमान सुना दिया गया. बैठक में मौजूद पार्षदों के लिए ये ऐलान ठीक वैसा ही था, जैसा कि नोटबंदी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. कहा भी यही गया कि मौजूदा पार्षदों का टिकट काटने का अचानक फैसला करके दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने नगर निगम चुनाव में नोटबंदी फार्मूला ही इस्तेमाल किया है.
इस फैसले के बाद लोग अब चुटकी भी ले रहे हैं कि बीजेपी के मौजूदा पार्षदों की हालत ठीक वैसी ही हो गई है, जैसी कि नोटबंदी के बाद हजार और पांच सौ के नोट की हुई थी. क्योंकि नगर निगम में कई पार्षद ऐसे हैं, जो न सिर्फ अनुभवी हैं, बल्कि उनके पास अपना जनाधार भी है. लेकिन पार्टी के फैसले के बाद उनका अनुभव और जनाधार किसी काम का नहीं बचा. उन्हें टिकट मिलने की गुंजाइश पार्टी ने ही खत्म कर दी. ऐसे में पांच सौ और हजार के नोट की तरह पार्टी में चुनाव से पहले उनकी पूछ-परख तो बनी रहेगी, लेकिन वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
कई पार्षद तो दस और पंद्रह साल से दिल्ली नगर निगम में चुने हुए सदस्य हैं, ऐसे में अचानक आए पार्टी के फैसले ने न सिर्फ आने वाले चुनाव की तैयारियों पर पानी फेर दिया है, बल्कि टिकट पक्का मानकर चल रहे कई दिग्गजों के अरमानों पर भी पानी फेर दिया है.
तीनों एमसीडी में मिलाकर बीजेपी के पास फिलहाल 155 पार्षद हैं, जिनमें से अब पार्टी के फैसले के मुताबिक किसी को भी टिकट नहीं मिलेगा, ऐसे में पार्टी के भीतर आने वाले दिनों में अंदरूनी कलह की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.