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दिल्ली में MCD चुनाव हो चुके हैं और आज दिल्ली के लोगों को इंतजार है इसके नतीजों का. दिल्ली में विकास जैसे कई अहम मुद्दे काफी हद तक इस बात पर निर्भर करते हैं कि एमसीडी में किसी की पार्टी है.
जानिये दिल्ली एमसीडी से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिसके बारे में संभवत: आप नहीं जानते होंगे...
1. दुनिया के सबसे बड़े नागरिक निकायों में से एक दिल्ली एमसीडी के 2017 चुनाव में इस बार 2500 प्रत्याशियों शामिल हुए, जिनमें 697 प्रत्याशी करोड़पति हैं. इनके पास है 1 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति. आश्चर्य की बात यह है कि करोड़पति होने के बावजूद वो पार्षद बनने की चाह रखते हैं, जबकि एक पार्षद को प्रति दिन 300 रुपये ही मिलते हैं और वो भी जब नगरपालिका जब सत्र में होती है.
2. इस बार MCD इलेक्शन में पार्षद की दौड़ में शामिल होने वाले उम्मीदवारों में मोहम्मद उस्मान सबसे धनी कैंडिडेट थे. कांग्रेस प्रत्याशी उस्मान के पास है 36 करोड़ की संपत्ति. अगर जीतते हैं तो उनके क्षेत्र सदर बाजार के विकास के लिए मिलेगा 2 करोड़ रुपये का फंड.
3. राजनीतिक करियर की शुरुआत के लिए 21 से 74 साल तक के कैंडिडेट इस साल पार्षद की दौड़ में थे. इसमें 10 कैंडिडेट ऐसे थे जिनकी उम्र 21 साल है.
4. इस बार दिल्ली एमसीडी इलेक्शन में पहली बार नोटा का प्रयोग हुआ.
5. 7 अप्रैल 1958 को संसद एक्ट के तहत एमसीडी अस्तित्व में आया. पंडित त्रिलोक चंद शर्मा दिल्ली के पहले मेयर बने. दिल्ली एमसीडी दुनिया के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है और ये 1397 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है.
6. दिल्ली नगर निगम चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला है. बीएसपी और स्वराज पार्टी चुनाव में शामिल अन्य अहम पार्टियां हैं. आप और स्वराज पार्टी पहली बार एमसीडी चुनाव में हिस्सा ले रही हैं. दिल्ली नगर निगम में 40 फीसदी से अधिक सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं जिनमें उत्तर एमसीडी में 42 सीट, दक्षिण एमसीडी में 45 सीट और पूर्व एमसीडी में 27 सीटें महिला उम्मीदवारों के नाम हैं.
7. 2012 के एमसीडी चुनावों में उत्तर, दक्षिण और पूर्व में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें झटकीं थीं.