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एमसीडी को HC की फटकार- शिक्षकों को वेतन नहीं दे सकते तो दिल्ली सरकार को सौंप दें स्कूल

हाई कोर्ट ने कहा कि जब शिक्षक खुद ही तनाव में रहेगा तो वो स्कूल में बच्चों को किस तरह से बेहतर शिक्षा दे पाएगा. शिक्षक इस देश का सम्मानित वर्ग है, ऐसे में उनको अगर 3-3 महीने तक एमसीडी वेतन नहीं दे पा रही है तो इसका क्या संदेश जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:58 AM IST

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के वेतन ना देने के मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नॉर्थ और साउथ एमसीडी के अधिकारियों से कहा है कि जब वह शिक्षकों को वेतन नहीं दे सकते तो अपने स्कूलों का संचालन दिल्ली सरकार के हाथों में क्यों नहीं दे देते. नाराज हाईकोर्ट ने पूछा कि जब शिक्षकों को वह पैसा ही नहीं देंगे तो उनका परिवार कैसे चलेगा, शिक्षक अपने बच्चों की फीस कैसे जमा करेंगे.

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हाई कोर्ट ने कहा कि जब शिक्षक खुद ही तनाव में रहेगा तो वो स्कूल में बच्चों को किस तरह से बेहतर शिक्षा दे पाएगा. शिक्षक इस देश का सम्मानित वर्ग है, ऐसे में उनको अगर 3-3 महीने तक एमसीडी वेतन नहीं दे पा रही है तो इसका क्या संदेश जाएगा.

कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को शिक्षकों के वेतन से जुड़ी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए 8 मार्च तक का वक्त दिया है. इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट एमसीडी कमिश्नर, केंद्रीय गृह सचिव और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने इन सभी से कहा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों को वेतन नहीं दिए जाने पर उनके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही की जाए.

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याचिका वकील अशोक अग्रवाल की तरफ से लगाई गई थी. याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों को तुरंत वेतन देने के 5 जनवरी के हाई कोर्ट के आदेश का अबतक पालन नहीं हो पाया है. ऐसे में कोर्ट उन सभी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करे जिन को वेतन देने के निर्देश कोर्ट से मिले थे.

सुनवाई के दौरान शिक्षक खेमचंद की मौत का मामला भी उठा. खेमचंद की हाल ही में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. बताया जाता है कि वह वेतन ना मिलने से तनाव में थे. केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तीनों एमसीडी को एक करने पर विचार किया जा रहा है.

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