
मेट्रो का किराया अगले मंगलवार से बढ़ जाएगा, लेकिन इसके ठीक पहले दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने का ऐलान कर दिया है. बुधवार को बुलाया गया विशेष सत्र बढ़ाकर इसी वजह से सोमवार को बुलाया गया है, जिसमें खासतौर पर मेट्रो के बढ़े हुए किराये के साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि कैसे आधी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन किराया नहीं बढ़ाने की दिल्ली सरकार की बात को मानने से इनकार कर रही है.
दरअसल सत्र बुलाकर किराये के मुद्दे को गरमाने की कोशिश आम आदमी पार्टी की होगी, क्योंकि पिछले दो सप्ताह से लगातार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मेट्रो के किराये को लेकर मोर्चा खोला हुआ है और इसके बहाने वो केंद्र सरकार पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगा रही है. सत्र के दौरान दिल्ली मेट्रो को किराया नहीं बढ़ाने के निर्देश देते हुए एक प्रस्ताव भी पारित करने की योजना है. इसके ज़रिए डीएमआरसी पर दवाब बनाने की कोशिश तो होगी ही, साथ ही किराया बढोतरी की गेंद भी केंद्र सरकार के पाले में डालने की मंशा है.
हालांकि, डीएमआरसी 10 अक्टूबर से तय कार्यक्रम के मुताबिक किराया बढ़ाने जा रही है. दिल्ली मेट्रो के सूत्रों के मुताबिक डीएमआरसी बोर्ड ने फेयर फिक्सेशन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किराया बढ़ाने को मंजूरी दी थी और उसकी अधिसूचना भी इसी साल मई में ही जारी कर दी गई थी, इसलिए किराया बढ़ोतरी टालने की कोई बात फिलहाल नहीं है. दिल्ली मेट्रो के एमडी मंगू सिंह ने दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री के साथ मीटिंग में भी यही बात कही थी.
दूसरी तरफ, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने भी एक बार फिर साफ कर दिया है कि आर्थिक बोझ डालकर वह दिल्ली मेट्रो खस्ताहाल करने के पक्ष में नहीं है, इसीलिए किराया बढ़ोतरी दिल्ली मेट्रो को चलाने के लिए ज़रूरी है.
ज़ाहिर है मेट्रो के लाखों मुसाफिरों पर तो किराया बढ़ोतरी की वजह से आर्थिक बोझ की तलवार लटकी ही हुई है, लेकिन इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हो रही है, जिसके सोमवार को विधानसभा के भीतर और भी गरमाने के आसार है.