किराया बढ़ते ही घटे मुसाफिर, मेट्रो में हर दिन कम हुए 1.5 लाख यात्री

दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों की संख्या पहले हर साल बढ़ा करती थी. खास तौर पर गर्मियों में लोग मेट्रो का सफर ही पसंद करते थे. लेकिन पर इस साल 8 मई को किराया बढ़ते ही यह ट्रेंड बदल गया. आरटीआई से पूछे गए सवाल के जवाब में यह साफ हुआ है कि मेट्रो में मुसाफिरों की संख्या काफी घट रही है.

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आरटीआई से हुआ खुलासा आरटीआई से हुआ खुलासा

स्मिता ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद से लोग मेट्रो से ज्यादा ऑटो रिक्शा और बसों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल मेट्रो में सफर करने वालो की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. बढ़े हुए किराये से लोगों की जेब पर बुरा असर पड़ा है और खासतौर पर युवाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले साल की तुलना में हर दिन मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में डेढ़ लाख लोगों की कमी देखी जा रही है और ये किराया बढ़ने के बाद के आंकड़े हैं.

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दिल्ली मेट्रो में कम से कम किराया 8 होने की बजाए 10 रुपये तक हो गया था, जबकि अधिकतम किराया 50 रुपये तक हो गया था. डीएमआरसी के मेट्रो किराए के नए स्लैब के मुताबिक 10 रुपये, 15 रुपये, 20 रुपये, 30 रुपये, 40 और 50 रुपये किराया निश्चित किया गया है. इतना ही नहीं अक्टूबर से एक नई किराया स्कीम के तहत अधिकमत किराया 60 रुपये तक का हो जाएगा. यमुना विहार की रहने वाली भावना का कहना है कि उन्हें रोज वैशाली जाना पड़ता है और घर और दफ्तर दोनों सके ही मेट्रो स्टेशन से दूर है. मेट्रो के अलावा उन्हें रिक्शे का किराभा भी देना पड़ता है. जब से मेट्रो का किराया बढ़ा है उन्होंने बस से दफ्तर जाना शुरू कर दिया है.

डीएमआरसी ने करीब 8 साल के बाद मेट्रो के किराए में इजाफा किया गया था. किराया बढ़ते ही मेट्रो में यात्रियों की कमी दिखना शुरू हो गई है. हालांकि बसों में भी काफी लोग सफर करते हैं इस वजह से वहां भी यात्रियों का बोझ बढ़ गया है. कुछ लोगों का कहना है कि मेट्रो का सफर महंगा जरूर हो गया है लेकिन सुरक्षा और वक्त के लिहाज यह बसों से बेहतर है. खासतौर पर बच्चों और महिलाओं के लिए मेट्रो से सफर करना और भी सेफ है.  

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दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों की संख्या पहले हर साल बढ़ा करती थी. खास तौर पर गर्मियों में लोग मेट्रो का सफर ही पसंद करते थे. लेकिन पर इस साल 8 मई को किराया बढ़ते ही यह ट्रेंड बदल गया. आरटीआई से पूछे गए सवाल के जवाब में यह साफ हुआ है कि मेट्रो में मुसाफिरों की संख्या काफी घट रही है.

DMRC का जवाब

- इस वर्ष जून में मेट्रो से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 25.7 लाख थी.

- वहीं, पिछले वर्ष जब मेट्रो के नए सेक्शन लॉन्च होने बाकी थे, उस दौरान दैनिक यात्रियों की संख्या 27.2 लाख थी.

- जून में यात्रियों की संख्या में हुई यह गिरावट 218 किलोमीटर लंबे मेट्रो रेल नेटवर्क के 6 में से 5 कॉरिडोर में देखी गई.

- हर दिन मेट्रो से यात्रा करने वाले लोगों में पिछले साल के मुकाबले डेढ़ लाख लोग कम हुए हैं.

दिल्ली में मेट्रो की शुरुवात के बाद यहां के लोगों को भारी ट्रैफिक और गर्मी से राहत मिली थी. एसी बसें आने से पहले गर्मियों में बस से यात्रा करना बहुत मुश्किल हुआ करता था और घंटों तक बसें जाम में भी खड़ी रहती हैं. दिल्लीवासियों को मेट्रो ने इसका विकल्प दिया. महंगा सफर होने के बावजूद लोग समय की बचत के लिए इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. लेकिन इस बार किराय में बढ़ोतर के बाद मुसाफिरों ने मेट्रो के सफर से परहेज करना शुरू कर दिया है.

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