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पार्षदों ने संभाला 'मच्छर मारो अभियान' का मोर्चा

डेंगू और चिकनगुनिया का कहर जारी है और अगले साल चुनाव भी हैं. जहां एक तरफ एमसीडी कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है वहीं वोटों के लिए पार्षदों ने ही जिम्मा संभाल लिया है.

पार्षद पार्षद
सबा नाज़/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

डेंगू और चिकनगुनिया का कहर जारी है और अगले साल चुनाव भी हैं. जहां एक तरफ एमसीडी कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है वहीं वोटों के लिए पार्षदों ने ही जिम्मा संभाल लिया है.

दिल्ली के न्यू अशोक नगर की बीजेपी पार्षद निक्की सिंह मच्छरो को मारने के लिए पूरे बंदोबस्त के साथ निकल पड़ी. वैसे ये काम एमसीडी का कर्मचारियों का है लेकिन जब कर्मचारी ही नहीं तो फिर पार्षद साहिबा खुद ही निकल पड़ी मच्छरों को मारने.

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एमसीडी की राह इसलिए मुश्किल है क्योंकि ईडीएमसी के शाहदरा जोन में मलेरिया इंस्पेक्टर के 21 पद खाली हैं तो वहीं शाहदरा उत्तरी जोन में 34 में से 27 पद खाली हैं. पार्षदों की मुश्किल है कि 50 के पार वाले कर्मचारियों से काम कैसे लें.

शुक्रवार को ईडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में बीजेपी की पार्षद दीप्ती जोशी और चेयरमैन के बीच कहासुनी भी हुई. भले ही ऊपरी तौर पर सबकुछ ठीक दिखाया जा रहा हो लेकिन जनता के गुस्से का सामना कौन करे ऐसे में पार्षद खुद ही अपने लोगों के साथ मैदान पर उतर पड़े हैं. तो वहीं एमसीडी इसके लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहरा रही है. सबसे मुश्किल और खौफनाक बात ये है कि डेंगू से लेकर चिकनगुनिया और जीका तक फैलाने वाला मच्छर एक ही हैं. लिहाजा दिल्ली में सिर्फ बीमारों को इलाज देने से मच्छर का कहर रुकने वाला नहीं है.

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