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दिल्ली में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से बचाया जा सकता था लाखों लीटर पानी

दिल्ली में हर साल के मानसून में पानी को बर्बाद कर दिया जाता है. बारिश के इस पानी को कुछ खास प्रयासों से बचाया जा सकता था. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाकर. इस सिस्टम को न लगाने वाले दिल्ली के कई बड़े होटल, मॉल और अस्पतालों पर एनजीटी ने पिछले डेढ़ साल मे 2 करोड़ से ऊपर जुर्माना भी लगाया है.

मानसून के दौरान नालों में बहकर बर्बाद हो जाता है लाखों टन पानी मानसून के दौरान नालों में बहकर बर्बाद हो जाता है लाखों टन पानी
मोनिका शर्मा/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

दिल्ली मे 31 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश ने पूरी दिल्ली को पानी पानी कर दिया था. सड़क हो या घर, ऑफिस हो या दफ्तर, सब जगह पानी ही पानी दिखाई दे रहा था. लेकिन बारिश का ये हजारों लाख लीटर पानी सड़को और नालों मे बहकर पूरी तरह बर्बाद हो गया.

दिल्ली में हर साल के मानसून में ये नजारा आम है. बारिश के इस पानी को कुछ खास प्रयासों से बचाया जा सकता था. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाकर. इस सिस्टम को न लगाने वाले दिल्ली के कई बड़े होटल, मॉल और अस्पतालों पर एनजीटी ने पिछले डेढ़ साल मे 2 करोड़ से ऊपर जुर्माना भी लगाया है.

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रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जरूरत
दिल्ली जैसे शहर में जहां दिनों दिन ग्राउंड वॉटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है और गर्मी में हर बार पानी की किल्लत होती है, वहां पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाना बड़ी जरूरत भी है और समझदारी भी. लेकिन न सरकारी तंत्र को इसकी सुध है और न ही आम लोगों में जागरुकता. दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पताल और मॉल में जहां हर रोज लाखों लीटर पानी इस्तेमाल होता है, वहां पर एनजीटी ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाना अनिवार्य कर दिया है. दिल्ली की बड़ी-बड़ी इमारतों मे ग्राउंड वॉटर को बढ़ाने के लिए ये लगवाना आज की बड़ी जरुरत है.

एनजीटी ने लगाया भारी जुर्माना
लेकिन एनजीटी के इस आदेश के बाद भी ज्यादातर बड़े होटल, अस्पतालों और मॉल में या तो रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया या फिर लगाया भी गया तो वो काम नहीं कर रहा था. नाराज एनजीटी ने इस रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न लगवाने वाले होटल, अस्पतालों और मॉल पर फरवरी 2015 से अगस्त 2016 तक 2 करोड़ से ऊपर का जुर्माना लगाया है.

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जुर्माने के बाद जागे मॉल, होटल और अस्पताल
मकसद साफ है कि दिल्ली में इस तरह के व्यावसायिक कामों को कर रहे और लाखों लीटर पानी की खपत कर रहे लोगों को पर्यावरण के बारे में सोचना भी पड़ेगा और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगवाना भी पड़ेगा. एनजीटी के जुर्माने लगाने के बाद अब ज्यादातर मॉल, होटल और अस्पतालों ने अब रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगवाना शुरू कर दिया है. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आम लोगों के लिए लगवाने के लिए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से भी सवाल पूछा है कि कैसे इसमें दिल्ली के हजारों आरडब्लूए को भी जोड़ा जा सकता है.

सरकार और आम लोगों की भागीदारी जरूरी
एनजीटी के सख्त रवैये के बाद ही सही लेकिन ये उम्मीद की जा सकती है कि अगले साल आने वाले मानसून में बारिश के कुछ पानी को ही सही लेकिन रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की मदद से बचाया जा सकेगा. लेकिन दिल्ली के तेजी से घट रहे ग्राउंड वॉटर को तभी घटने से बचाया जा सकता है जब इसमें सरकार और आम लोग दोनों को भागीदारी हो.

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