Advertisement

पटाखे की बिक्री पर बैन और मौसम में बदलाव से दिल्ली में प्रदूषण कम रहने का अनुमान

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च यानी सफर (SAFAR) इंडिया ने इस बार दिवाली पर पिछले साल के मुकाबले वायु प्रदूषण कम रहने का पूर्वानुमान जताया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:58 AM IST

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च यानी सफर (SAFAR) इंडिया ने इस बार दिवाली पर पिछले साल के मुकाबले वायु प्रदूषण कम रहने का पूर्वानुमान जताया है. SAFAR के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आसपास के इलाकों से प्रदूषित हवाएं उतनी मात्रा में नहीं आ रही हैं, जितनी पिछले साल आई थीं.

इसकी वजह यह है कि इस बार दिल्ली के ऊपर दिवाली के दिन उत्तर पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिनकी दिशा में लगातार बदलाव हो रहा है. हालांकि दिल्ली के आसपास के इलाकों के खेतों में पुलाव लगातार जलाया जा रहा है, लेकिन हवा के रुख से राष्ट्रीय राजधानी में राहत रहेगी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर भी पाबंदी लगा दी है. लिहाजा आतिशबाजी नहीं होने से भी वायु प्रदूषण कम रहने की संभावना ज्यादा है.

Advertisement

मौसम विभाग के तहत काम करने वाली सफर एजेंसी ने तीन स्थितियों की परिकल्पना करते हुए दिवाली के दिन संभावित वायु प्रदूषण का आकलन किया है. पहली परिस्थिति में सफर ने परिकल्पना की कि अगर साल 2016 की तरह ही लोग आतिशबाजी करेंगे, तो साल 2017 की दिवाली के दिन क्या होगा?  सफर के मुताबिक अगर ऐसा हुआ तो भी हवाओं की दिशा राजधानी दिल्ली की तरफ ऐसी है कि आसपास के इलाकों का प्रदूषण यहां पर उतना ज्यादा नहीं पहुंचेगा, जितना पिछले साल पहुंचा था.

ऐसे में इस स्थिति में भी जब लोग पिछले साल की तरह जमकर आतिशबाजी करेंगे, तो भी इस दिवाली में बदली हुई मौसमी परिस्थितियों के चलते प्रदूषण कम रहेगा. दूसरी परिस्थिति में सफर ने आकलन किया कि यदि आतिशबाजी साल 2016 के मुकाबले महज आधी रह जाए, तो क्या होगा?  इसके अलावा तीसरी परिस्थिति में सफर ने परिकल्पना की कि अगर साल 2016 के मुकाबले लोग आतिशबाजी करें ही नहीं, तो क्या होगा? इन तीनों परिस्थितियों का आकलन करने के बाद सफर ने यह पाया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार दिवाली में प्रदूषण कम रहेगा.

Advertisement

ऐसी रहेगी दिल्ली की आबोहवा

सफर की भविष्यवाणी के मुताबिक अगर पिछले साल के मुकाबले इस बार लोग आतिशबाजी बिल्कुल न करें, तो दिल्ली की हवा वेरी पुअर कैटेगरी में रहेगी और यह स्थिति 22 अक्टूबर तक बनी रहेगी. इसके मुकाबले अगर लोग सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद जमकर आतिशबाजी करें और पिछले साल की तरह ही करें, तो भी दिवाली के दिन हवा का स्तर वेरी पुअर कैटेगरी में ही रहेगा. लेकिन दिवाली के दूसरे दिन यह स्थिति भयानक होकर सिव्वियर कंडीशन में पहुंच जाएगी. 20-21 अक्टूबर को यह स्थिति रहेगी, लेकिन 22 अक्टूबर को हवा की दशा बदलने पर इस प्रदूषण में सुधार होगा.

प्रदूषण के लिए आतिशबाजी से ज्यादा दूसरे कारण जिम्मेदार

सफर के आकलन का लब्बोलुआब यह है कि आतिशबाजी की वजह से स्थिति तो हवा की खराब होती है, लेकिन दिल्ली की आबोहवा खतरनाक होने के पीछे आतिशबाजी के अलावा दूसरे बड़े कारण ज्यादा जिम्मेदार हैं. वायु प्रदूषण के इन कारणों में सबसे बड़ी वजह राजधानी दिल्ली में चल रहे लाखों वाहन है और इसके साथ दिल्ली के आसपास के इलाकों में दिवाली से पहले खेतों में पुवाल जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो जाती है. जब तक इन कारणों को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक राजधानी दिल्ली में दिवाली के आसपास साफ हवा की उम्मीद करना बेमानी है.

Advertisement

पटाखे जलाने पर 10 दिन तक न चलाएं अपनी गाड़ी

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण का कहना है कि हाल ही के दिनों में प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए गए. इसमें राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों के अलावा सुप्रीम कोर्ट का पटाखे पर बैन भी शामिल है. सुनीता का कहना है कि पटाखों पर बैन और राज्यों में भी लागू होना चाहिए. साथ ही यह व्यवस्था की जानी चाहिए कि दिवाली में पटाखे जलाने वाले को 10 दिन तक अपनी गाड़ी चलानी छोड़नी होगी, ताकि आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके.

प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदम

सुनीता का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए जो पहल हुई है, उसमें सबने सहयोग दिया. जहां एक ओर बीएस-4 लागू किए जाने से प्रदूषण कम हुआ है, तो दूसरी ओर कोर्ट ने प्रदूषण बढ़ने पर कदम उठाने के लिए प्लान बनाने को कहा है. इसमें एनसीआर के सभी राज्य शामिल हैं. लिहाजा सभी सरकारें मिल-जुलकर प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रही हैं. इसके लिए फोरम बन गया है. तीसरा सुप्रीम कोर्ट के पटाखे की बिक्री पर बैन लगाने से काफी असर पड़ा है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement