Advertisement

तिहाड़ जेल में नहीं है जल्लाद, कैसे होगी निर्भया के दोषियों को फांसी?

एक तरफ निर्भया के दोषियों को मिली फांसी की सजा तामील कराने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ एशिया की सबसे बड़ी जेलों में शुमार तिहाड़ के पास जल्लाद नहीं है. ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी कैसे जाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

  • निर्भया केस में 7 साल बाद भी नहीं हो सकी फांसी
  • दिल्ली सरकार ने खारिज की है दया याचिका

हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद एक बार फिर निर्भया गैंग रेप के जख्म हरे हो गए हैं. पूरे देश को हिला कर रख देने वाली इस घटना को सात साल गुजर गए लेकिन निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से फांसी की सजा पा चुके आरोपियों को अब तक सजा नहीं दी जा सकी है.

Advertisement

एक तरफ निर्भया के दोषियों को मिली फांसी की सजा तामील कराने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ एशिया की सबसे बड़ी जेलों में शुमार तिहाड़ के पास जल्लाद नहीं है. ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी कैसे जाएगी. इस संबंध में जेल प्रशासन का कहना है कि जब भी किसी दोषी को फांसी की सजा देनी होती है, तब उन जेलों से संपर्क किया जाता है जिनके पास अपने जल्लाद हैं.

एक दिन के लिए लाए जाएंगे जल्लाद

जेल प्रशासन के अनुसार एक दिन के लिए जल्लाद को तिहाड़ लाया जाता है. दोषी को फांसी देने के बाद जल्लाद अपनी तैनाती वाली जेल में लौट जाते हैं. गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों को मिली फांसी की सजा तामील कराने के लिए परिजन कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं. हैदराबाद की घटना के बाद उपजे जनाक्रोश के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आरोपियों को जल्द सजा दिए जाने की मांग कर दी है.

Advertisement

दिल्ली सरकार ने दया याचिका पर लिखा- 'माफी नहीं'

दिल्ली सरकार ने निर्भया के दोषी विनय की दया याचिका की फाइल में 'माफी नहीं' लिख कर उपराज्यपाल (एलजी) के पास भेज दी है. सीएम केजरीवाल ने भी स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले दोषी की फांसी की सजा माफ करने के पक्ष में नहीं है. केजरीवाल ने दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने की वकालत कर यह जता दिया कि दिल्ली सरकार रेप के दोषियों के साथ नरमी बरते जाने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है.

राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी दया याचिका

दिल्ली सरकार की ओर से 'माफी नहीं' लिखकर उपराज्यपाल को भेजी गई दया याचिका अब डायरेक्टर दिल्ली के पास गई है. इसे वह भारत सरकार के गृह विभाग को भेजेंगे. आखिर में दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी. अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज कर देते हैं तो फिर जेल प्रशासन कोर्ट जाएगा और कोर्ट से डेथ वारंट, जिसे ब्लैक वारंट भी कहते हैं, वह जारी करेगा. कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा. बता दें कि फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से केवल एक विनय ने ही दया याचिका लगाई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement