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अक्टूबर से बिजली बिल में जोड़ा जाएगा पर्यावरण शुल्क, दिल्ली कैबिनेट का फैसला

दिल्ली में बिजली की कीमत बेशक इस साल नहीं बढ़ाई गयी हो, लेकिन इस महीने से हर घर का बिल 100 रुपये से 500 रुपए बढ़कर आएगा. दरअसल अक्टूबर से दिल्ली कैबिनेट के फैसले के बाद सरकार ने पर्यावरण शुल्क वसूलने का फैसला लिया है जो सीवर के नाम पर लिया जाएगा. ये अब आने वाले हर महीने में दिल्ली वालों के बिजली बिल में जुड़ कर आएगा.

बिजली दर बढ़े बिना दिल्ली सरकार की मेहरबानी से ज्यादा आएगा बिल बिजली दर बढ़े बिना दिल्ली सरकार की मेहरबानी से ज्यादा आएगा बिल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST

दिल्ली में बिजली की कीमत बेशक इस साल नहीं बढ़ाई गयी हो, लेकिन इस महीने से हर घर का बिल 100 रुपये से 500 रुपए बढ़कर आएगा. दरअसल अक्टूबर से दिल्ली कैबिनेट के फैसले के बाद सरकार ने पर्यावरण शुल्क वसूलने का फैसला लिया है जो सीवर के नाम पर लिया जाएगा. ये अब आने वाले हर महीने में दिल्ली वालों के बिजली बिल में जुड़ कर आएगा.

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दरअसल सीवर लाइन डालने के नाम पर सरकार ने हर घर से ये शुल्क नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद लिया है. कॉलोनियों की केटेगरी के हिसाब से ये शुल्क तय किया गया है. A और B की कॉलोनियों के घरों को हर महीने 500 रुपए देने होंगे. C और D केटेगरी वालों को 200 रुपए महीने और उनसे नीचे की सारी कॉलोनियों को 100 रुपए महीने के हिसाब से ये शुल्क चुकाना होगा.

इस बारे में फैसला अगस्त महीने में ही ले लिया गया था लेकिन तब से अमल में नहीं लाया जा सका. इसकी वजह ये थी कि प्राइवेट बिजली कंपनियां सीवर शुल्क को बिजली बिल के जरिए वसूलने के पक्ष में थी ही नहीं. लेकिन इसके अलावा सरकार के पास और कोई रास्ता था भी नहीं क्योंकि पानी का बिल हर घर में नहीं जाता. इसलिए पिछले महीने दिल्ली के मुख्य सचिव ने सभी संबंधित एजेंसियों की बैठक बुलाकर इसे तत्काल लागू करने का आदेश दे दिया.

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बिजली विभाग को ये भी कहा गया कि वो इस बाबत DERC से भी बात करे. यानि अब तक की सरकारों को जो सीवर सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए थी अब उसकी कीमत दिल्ली के हर बिजली उपभोक्ताओं को चुकानी होगी वो भी इसी महीने से.

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