
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद बुधवार को चांद बाग इलाके में मौजूद एक नाले में अंकित नामक एक शख्स की लाश मिली है. जानकारी के मुताबिक अंकित आईबी में सिक्योरिटी असिस्टेंट के पद पर तैनात था. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के बाद भड़की हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. मौजपुर, जाफराबाद समेत कई इलाकों में सोमवार से अब तक हिंसा जारी है. मंगलवार को भी भजनपुरा में दो गुटों के बीच पथराव हुआ था. हिंसा के दौरान अभी तक 20 लोगों की जान जा चुकी है. 22 फरवरी की रात 10.30 बजे जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई थी. उन महिलाओं ने स्टेशन के नीचे एक तरफ की सड़क को जाम कर दिया था और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था.
23 फरवरी की सुबह 9 बजे जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क बंद हो जाने से यातायात बाधित होने लगा. आवाजाही पर असर पड़ा. लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालात को देखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से सड़क खोलने का आग्रह किया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बात चल ही रही थी कि इस बीच बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लोगों से सीएए के समर्थन में मौजपुर चौक पर जमा होने की अपील कर डाली.
उसी दिन करीब 3.30 बजे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों की भीड़ वहां जमा हो गई. इसके बाद वहां पहुंचकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने डीसीपी की मौजूदगी में भड़काऊ भाषण देते हुए पुलिस को 3 दिन के भीतर सड़क खुलवाने का अल्टीमेटम दिया. इसके बाद करीब 4 बजे दिल्ली के बाबरपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
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नतीजा ये हुआ कि दिल्ली के मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग इलाके में हिंसा और बवाल शुरू हो गया. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोधी और समर्थक आपस में भिड़ गए. हिंसा शुरू हो जाने के बाद हालात बेकाबू हो गए. राजधानी दिल्ली के करावल नगर, मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग के इलाके में उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. हालांकि 23 फरवरी की रात ही दिल्ली पुलिस ने हालात पर काबू पाने का दावा किया
मगर 24 फरवरी की सुबह करीब 7 बजे मौजपुर चौक पर भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में लोग धरना देने बैठ गए. करबी सुबह 10 बजे नागरिकता संशोधन कानून के समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे. दोपहर होते-होते बाबरपुर इलाके में पत्थरबाजी शुरू हो गई. नकाब पहने उपद्रवी हाथ में तलवार लहराते हुए सड़कों पर उतर आए. बाबरपुर से शुरू हुई हिंसा करावल नगर, शेरपुर चौक, कर्दमपुरी और गोकलपुरी तक फैलती चली गई.
भजनपुरा में बस समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पेट्रोल पंप में भी आग लगा दी गई. हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि डीसीपी घायल हो गए. सुबह से शुरू हुआ हिंसा का दौर रुक-रुक कर रात तक चलता रहा. गोकुलपुरी इलाके में टायर मार्केट को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया. टायर की दुकानें धू-धू कर जलने लगीं. देर रात तक हिंसा और बवाल जारी रहा. रात करीब 10 बजे मौजपुर और घोंडा चौक भी हिंसा और बवाल शुरू हो गया.
25 फरवरी की सुबह 7 बजे दिल्ली के मौजपुर और ब्रह्मपुरी में फिर से पत्थरबाजी शुरू हो गई. पथराव शुरू होने के बाद वहां भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई. पत्थरबाजी में कई लोग जख्मी हुए. प्रभावित इलाकों में हालात संभालने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां भी तैनात की गई. 3 बजे ब्रह्मपुरी की गली नंबर 13 में फायरिंग हुई. घोंडा के बाद ब्रह्मपुरी में पत्थरबाजी हुई. दोपहर 2 बजे के आसपास गोरख पार्क गली नंबर 1 के बाहर एक कपड़े के शोरूम में आग लगा दी गई.
दोपहर 3 बजे मौजपुर इलाके के पास ही स्थित कर्दमपुरी में दोनों तरफ से फायरिंग हुई. पुलिस की टीम पर भी पत्थरबाजी हुई. 3.15 बजे दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर, क्राइम ब्रांच -प्रवीर रंजन नॉर्थ ईस्ट डीसीपी दफ्तर पहुंचे. हिंसा के मद्देनजर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. स्पेशल कमिश्नर (कानून -व्यवस्था) सतीश गोलचा भी वहां पहले से ही मौजूद थे.